मोदी सरकार द्वारा 85 फीसदी किराया भुगतान दावे के उलट मजदूरों को पूरा रेल भाड़ा देना पड़ रहा है. Lockdown में फंसे हुए लोगों को उनके गृह राज्य वापस भेजने की घोषणा के बाद मजदूरों ने थोड़ी राहत की सांस जरूर ली थी लेकिन जब से ये पता चला है कि विशेष ट्रेनों से यात्रा करने वालों को अपना किराया देना होगा, कई लोगों के लिए बहुत बड़ी चिंता का सबब बन गया है. इसको लेकर सूरत भास्कर ने इसे अपना हेड लाइन बनाया है.

गरीब मजदूरों से किराया वसूलने को लेकर केंद्र एवं संबंधित राज्य सरकारों की आलोचना हो ही रही थी कि बीते सोमवार को इसे लेकर विवाद तब काफी ज्यादा बढ़ गया जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने घोषणा किया कि मजदूरों के किराये का भुगतान राज्य कांग्रेस कमेटियां करेंगी. इसे लेकर राजनीति काफी तेज हो गई और भाजपा सरकार आनन-फानन में अपना बचाव करने की कोशिश करने लगी.

और सबसे बड़ी बात ये है कि अभी एक भी ऐसा ‘रेलवे टिकट’ सामने नहीं आया है जो मोदी सरकार के इन दावों की पुष्टि कर सके. लॉकडाउन में फंसे लोगों को अपने घर वापस लौटने के लिए वही नियमित किराये का भुगतान करना पड़ रहा है जो आम दिनों में देना होता था.

देश के विभिन्न क्षेत्रों से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं जिसमें दिहाड़ी मजदूर, प्रवासी मजदूर प्रमाण के रूप में अपना टिकट दिखाते हुए ये कह रहे हैं कि उनसे पैसे वसूले जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर ट्रेन के कई ऐसे टिकट वायरल हुए हैं जिसमें स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि लोगों को उतना ही भुगतान करना पड़ रहा है जितना आम दिनों में देना पड़ता था.

अहमदाबाद मिरर ने अपनी रिपोर्ट में मजदूरों के रिकॉर्डेड विडियो पेश किये हैं जिसमें लोग कह रहे हैं कि उनसे किराया वसूला गया है. वेबसाइट ने गुजरात के अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा से उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ जाने वाले 20 से अधिक प्रवासियों से बात की जिसमें सभी ने एक सुर में कहा कि उन्हें झारखंड और छत्तीसगढ़ छोड़ कर अन्य सभी जगहों पर जाने के लिए पैसे लिए जा रहे हैं.

एबीपी न्यूज के इस विडियो रिपोर्ट में भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि मजदूर जो टिकट दिखा रहे हैं उसमें उतना ही किराया है जितना आम दिनों में होता था. रेलवे ने एक मई जारी अपने पत्र में कहा था कि श्रमिक ट्रेनों से यात्रा करने वालों से नॉर्मन किराया के अलावा अतिरिक्त 50 रुपये वसूले जाएंगे.

रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के नासिक से मध्य प्रदेश के भोपाल के लिए जो ट्रेन चली थी उसमें सभी मजदूरों से पैसे लिये गए थे. मजदूरों ने ये भी कहा कि 305 रुपये की टिकट थी लेकिन उनसे 315 रुपये किराया लिया गया.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here