मध्य प्रदेश में जल्द ही 24 सीटों के लिए होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में 20 सीटें जीतने के लक्ष्य के साथ कांग्रेस ने बीजेपी में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में 11 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर उपचुनाव का बिगुल फूँक दिया है।

जिन 24 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना है वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाली सीटें हैं जो कांग्रेस के बागी विधायकों के इस्तीफे देने के बाद खाली हुई हैं।

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अभी मध्यप्रदेश विधानसभा की स्थिति कुछ इस प्रकार है

कांग्रेस ने नए 11 जिला अध्यक्षों के तौर पर श्योपुर में अतुल चौहान, ग्वालियर ग्रामीण में अशोक सिंह, विदिशा में कमल सिलकारी, सीहोर में बलबीर तोमर, रतलाम शहर में महेंद्र कटारिया, शिवपुरी में श्रीप्रकाश शर्मा, गुना शहर में मानसिंह पसरोदा, गुना ग्रामीण में हरि विजयवर्गीय, होशंगाबाद में सत्येंद्र फौजदार, सिंगरौली शहर में अरविंद सिंह चंदेल और देवास ग्रामीण में अशोक पटेल को नियुक्त किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ पहले ही 24 में से 20 सीटें जीतने का दावा कर चुके हैं। कमलनाथ का कहना है कि उपचुनाव के बाद बीजेपी मध्य प्रदेश की सत्ता से बाहर हो जायेगी।

कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले इलाको में कांग्रेस ने नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति करके संगठन को नए सिरे से खड़ा करने का फैसला लिया है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं जो दो विधायकों के निधन और 22 विधायकों की कांग्रेस से बगावत करने के बाद खाली हुई हैं। इन 24 में से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग से आती हैं, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है।

वहीँ दूसरी तरफ पार्टी सूत्रों का कहना है कि उपचुनाव करीब आते आते बीजेपी के कई धुरंधर कांग्रेस में शामिल होंगे। फ़िलहाल पार्टी को इंतज़ार है कि बीजेपी कितने उन पूर्व विधायकों को टिकिट देती है जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए और कमलनाथ सरकार के पतन का कारण बने।

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