राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ( एनसीआरबी ) के जारी आंकड़ों के मुताबिक लगभग 43,000 किसानों और दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या कर लिया । जबकि 2019 में पूरे देश मे 1,39,122 लोगो ने आत्महत्या की, जिसमे 32,563 आत्महत्या करने वाले दिहाड़ी मजदूर थे।

एनसीआरबी के जारी आकड़ो के मुताबिक वर्ष 2019 में 10,281 किसानों ने आत्महत्या की. जबकि इससे पिछले वर्ष में 10,349 किसानों ने आत्म हत्या की थी। एनसीआरबी द्वारा जारी आकड़ो से यह पता चलता हैं कि आत्महत्या करने वालो में सबसे अधिक दिहाड़ी मजदूर थे। जिनके पास रोजगार न होने के वजह से आत्महत्या करना पड़ा।

43,000 दिहाड़ी मजदूरों और किसानों की मौत पर भी गोदी मीडिया के पत्रकार चुप्पी पर चुप्पी साधे हुए है. न कोई डिबेट हुई और न ही किसी पत्रकार ने इसे बहस का मुद्दा बनाया. सत्ता में बैठे मालिकों के चूड़ियों के खनक पर नाचने वाले ये न्यूज़ चैनल और उनके पत्रकारों में मौन का माहौल है.

क्योंकि सत्ता में बैठे हुक्मरानों ने इस चाटुकार मीडिया का डिजाइन कुछ इस प्रकार किया है कि देश के असली मुद्दों से भटका कर जनता को गुमराह ककर अपने हुक्मरानों को सत्ता में काबिज रखना है. देश की GDP गर्त में जा चुकी इसके बाद भी चाटुकारिता में लीन देश को असल मुद्दों से भटका कर पहले से ही तय एजेंडे की तरफ ले जाना है।

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