डब्ल्यूएचओ ने जानकारी साझा करते हुए कहा है कि अगर कोई व्यक्ति कुछ देर पहले किसी स्थान पर कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ कर गया है और वह कोरोना संक्रमित है तो उसके उद्वारा छोड़े गए गैस को सुघंने के बाद दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है।
पिछले कई महीने से दुनियाभर में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस के लक्षणों के बारे में अभी तक जितनी जानकारी इस पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने नहीं शेयर की उससे अधिक बे-सिर पैर की जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जारी कर चुका है। यह अलग बात है कि उनमें से अधिकांश दावे गलत साबित होते हैं और बाद में डब्ल्यूएचओ को खुद उसका खंडन भी करना पड़ता है। डब्ल्यूएचओ ने जारी एक ताजा बयान में नई जानकारी साझा की है जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस का संक्रमण मानव उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड (पाद) से भी फैल सकता है।
डब्ल्यूएचओ ने जानकारी साझा करते हुए कहा है कि अगर कोई व्यक्ति कुछ देर पहले किसी स्थान पर कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ कर गया है और वह कोरोना संक्रमित है तो उसके उद्वारा छोड़े गए गैस को सुघंने के बाद दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है।
इंसानी शरीर में बनने वाले गैस में शामिल होते हैं अनु और कीटाणु
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इंसानी शरीर में बनने वाले गैस के साथ कई तरह की रसायनिक भाप भी बाहर आती है, उसमें कई प्रकार के अनु और कीटाणु भी शामिल होते हैं। इसी कारण कोरोना वायरस भी उस भाप के साथ शरीर से बाहर आता है। इसी कारण कोरोना संक्रमित व्यक्ति द्वारा छोड़े गए गैस के स्थान से 10 मिनट के भीतर कोई व्यक्ति गुजरता है तो उस गैस को सुंघने के माध्यम से कई व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो सकते हैं।
मास्क का इस्तेमाल बेहद जरूरी
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडहानॉम ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति बिना मास्क के उस जगह से गुजरेगा जहां कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने गैस छोड़ा है तो उससे कोरोना संक्रमित होने से कोई नहीं बचाएगा। साथ ही साथ इस प्रकार एक से ज्यादा व्यक्ति के संक्रमित होने की संभावना भी बनी रहती है।
टेड्रोस ने कहा कि इस चीज से बचने के लिए अभी कोई उपाय नहीं है। यदि आपको सुरक्षित रहना है तो आपको मास्क लगाकर ही रहना होगा यदि आप मास्क नहीं लगाएंगे तो यह बीमारी आपको किसी भी माध्यम से हो सकती है।