एलएसी पर तनाव के बाीच पीएम मोदी के लद्दाख दौरे पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इंदिरा गांधी जब लेह गईं तो पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंटा, अब देखते हैं पीएम मोदी क्या करते हैं? सवाल यह उठता है कि भारत और चीन का विवाद लद्दाख के सीमा पर है तो मोदी जी Leh क्यों गए जबकि जाना उन्हें लद्दाख चाहिए, था आपको बता दूं कि लद्दाख और Leh के बीच की दूरी करीब करीब 220 किलोमीटर की है.

भारत और चीन में तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शुक्रवार की सुबह लद्दाख के लेह पहुंचे. यहां उन्होंने सीमा पर मौजूद जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला अफजाई किया. इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) भी मौजूद रहे. उनकी यह यात्रा पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय जवानों की हिंसक झड़प के बाद हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी यहां की स्थिति की समीक्षा करने के लिए इस दौरे पर गए हैं. यहां सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें स्थिति से अवगत कराया.

इससे पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख का दौरा कर चुके हैं. मई के पहले हफ्ते से लद्दाख में चीनी सरहद पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं. 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच खूनी झड़प हुई. जिसमें भारत के 20 जवान सरहद की हिफाजत में अपनी जान न्यौछावर कर दिए, वहीं चीन के भी करीब 45 सैनिक मारे गए.

एक ट्विटर यूजर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा राजनाथ सिंह लेह जाने वाले थे लेकिन कुछ न्यूज़ रिपोर्ट्स में मोदीजी ने इंदिरा गांधी की फौजियों के साथ लेह की एक तस्वीर देख ली। बस फिर क्या था, सरजी ने सिंह साहब को बाजू में किया और खुद फ़ोटो खिंचाने का मन बना लिया। मोदी है तो मुमकिन है। #Ladakh

दोनो देशों की सेनाओ के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर तीन दौर की बातचीत हो चली है. सहमति बनी है कि दोनों देश अपनी सेनाओं को पीछे हटाएंगे. लेकिन हकीकत है कि चीन ने सीमा पर भारी तादाद में अपने सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है.

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