भारतीय बैंकों के करीब 9000 करोड़ रुपये लेकर फरार हुए भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या पर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले के दस्तावजे गायब हो गए हैं, जिस कारण माल्या केस की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में नहीं हो पाई। देश की शीर्ष अदालत में विजय माल्या पर अवमानना का केस चल रहा है। वहीं, दूसरी ओर रक्षा मंत्रालय ने आज दस्तावेज जारी कर पहले स्वीकार किया कि मई महीने में चीन ने अतिक्रमण की शुरूआत की थी। हालांकि, कुछ देर बाद ही रक्षा मंत्रालय ने चीनी घुसपैठ की बात कबूलने वाला दस्तावेज को वेबसाइट से हटा दिया। बता दें कि, इससे पहले राफेल सौदे से जुड़ी फाइलें भी रक्षा मंत्रालय से चोरी हो चुकी हैं।

सुप्रीम कोर्ट से विजय माल्या केस के दस्तावेज गायब:
भगोड़े शराब कोराबोरी विजय माल्या केस की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में नहीं हो पाई। दरअसल, माल्या के केस से जुड़े दस्तावेज फाइल से गायब होने के कारण शीर्ष अदालत को यह सुनवाई टालनी पड़ी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन के कारण सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई 20 अगस्त के लिए टाल दी गई है। तीन साल पहले माल्या ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी जो सुनवाई के लिए अब लिस्ट हुई है।


बता दें कि, माल्या 2017 में सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराया गया था, माल्या ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाकर अपनी संपत्ति अपने परिवार के नाम ट्रांसफर कर दी थी।


माल्या 2 मार्च, 2016 को भारत से गुपचुप तरीके से भाग गया था। ब्रिटेन की पुलिस स्कॉटलैंड यार्ड ने उसे 18 अप्रैल, 2017 को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, लंदन की अदालत ने उसे कुछ ही घंटों में जमानत पर रिहा कर दिया। माल्या का भारत में प्रत्यर्पण की कोशिश सरकार कर रही है। माल्या पर भारत के 17 बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये बकाया है।

राफेल विमान सौदे से जुड़े फाइलें भी रक्षा मंत्रालय से हो चुकी हैं चोरी:
राफेल लड़ाकू विमान सौदे को चुनौती देने वाली याचिकाएं पर 6 मार्च 2019 को हुई सुनवाई के दौरान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राफेल विमान सौदे से संबंधित अहम दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर, 2018 को राफेल की खरीद को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज करने का आदेश दिया था, जिसको चुनौती देते हुए पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गईं थी। इस पर 6 मार्च 2019 को हुई सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने बताया था कि लड़ाकू विमानों की खरीद से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि दस्तावेजों की चोरी के मामले में अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई।

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