कानपुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे 10 जुलाई की सुबह पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. उसे 9 जुलाई को उज्जैन के महाकाल मंदिर में मध्य प्रदेश पुलिस ने पकड़ा और यूपी पुलिस के हवाले कर दिया. यूपी STF की टीम सड़क के रास्ते उसे कानपुर ला रही थी. पुलिस का कहना है कि रास्ते में कानपुर नगर के भौंती के पास वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गया. पुलिस की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, वाहन में मौजूद अभियुक्त (विकास दुबे) ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की. यूपी एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें वो घायल हो गया. इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित किया गया.

पर क्या बीच में कार बदल गई?

इस बीच पुलिस की एनकाउंटर थ्योरी पर तमाम सवाल भी उठ रहे हैं. इनमें से एक है कार पलटने वाला हिस्सा. ऊपर हमने बताया कि पुलिस ने साफ कहा है कि जो कार पलटी, उसमें विकास दुबे और कई पुलिसवाले मौजूद थे

‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्ट के मुताबिक, विकास दुबे को जिस एसयूवी से ले जाया जा रहा था, वो टाटा सफारी स्टॉर्म कार थी. ‘आज तक’ की टीम ने इस कार का पीछा किया था. इसके फुटेज मौजूद हैं. लेकिन मीडियाकर्मियों को आगे जाने से रोक दिया गया. बाद में जो एसयूवी कार घटनास्थल पर पलटी मिली, वो महिंद्रा TUV 300 थी. इसकी तस्वीरें देखिए-

घटनास्थल पर जो कार पलटी मिली, वो महिंद्रा TUV 300 है. फोटो: ANI

सफारी कार में कैमरे में कैद हुआ था विकास

The Lallantop की टीम ‘आज तक’ के रिपोर्टर अरविंद कुमार ओझा से बात की. उन्होंने बताया, ”हमने विकास दुबे की गाड़ी का पीछा किया. वो सफारी कार में मौजूद था. हमारे पास विजुअल्स हैं. आगे हमें रोक दिया गया. STF ने हमें भटकाने की कोशिश की. हम बाद में गए, तो एक गाड़ी पलटी मिली. पुलिस ने हमें बताया कि ये वही गाड़ी है, जिसमें विकास दुबे मौजूद था.”

टाटा सफारी स्टॉर्म मॉडल. इसमें बैठे विकास दुबे को कैमरे ने कैद किया.
टाटा सफारी कार, जिसका ‘इंडिया टुडे’ टीम ने पीछा किया. इसमें विकास दुबे बैठा नजर आ रहा था

टोल प्लाज़ा का फुटेज

भौंती में घटनास्थल से करीब 20 किमी दूर बारा जोड़ टोल प्लाज़ा है. इसकी एक फुटेज सामने आई, जिसमें विकास दुबे टाटा सफारी कार में बैठा दिख रहा है.

पुलिस ने कार बदलने के सवाल पर क्या कहा?
सवाल उठे कि विकास दुबे की गाड़ी बदल कैसे गई? इस पर कानपुर रेंज आईजी मोहित अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में बताया,

”मेरी जानकारी में, जो मेरी बातचीत हुई पुलिसकर्मियों से, ये (विकास दुबे) उज्जैन से इसी गाड़ी में बैठा था, जिस गाड़ी में इसका एक्सिडेंट हुआ है. कोई गाड़ी बीच में बदली नहीं गई है. उसी गाड़ी में बैठकर उज्जैन से चला था, जिस गाड़ी में उसका एक्सिडेंट हुआ.”

पुलिस ने क्या घटनाक्रम बताया?

कानपुर के रास्ते में ऐसा क्या हुआ कि पुलिस को विकास दुबे पर गोली चलानी पड़ी? इस सवाल का जवाब जानने के लिए ‘इंडिया टुडे’ ने कानपुर ADG जेएन सिंह से बात की. इस बातचीत के दौरान ADG सड़क पर पलटी हुई गाड़ी के पास मौजूद थे. उन्होंने बताया,

”सड़क के किनारे गैप ज्यादा होने की वजह से गाड़ी फिसल गई. इसके बाद वो (विकास) पिस्टल छीनकर भागने लगा. जब पुलिस ने उसे घेरने की कोशिश की, तो उसने पुलिस पार्टी पर फायरिंग की. इसके बाद जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उस पर फायरिंग की.”

ADG से पूछा गया कि विकास दुबे कौन-सा हथियार छीनकर भाग रहा था, जवाब में ADG ने कहा,

‘पिस्टल थी, हमारे विवेचक पचौरी जी के पास पिस्टल थी. वही छीनकर भाग रहा था.’

कानपुर ADG से पूछा गया कि गाड़ी में किस स्तर के अधिकारी विकास के साथ मौजूद थे. जवाब में ADG ने कहा,

‘STF के डिप्टी SP के नेतृत्व में इसे लाया जा रहा था, जिसमें उनके कमांडो भी थे. इस तरह के काफी लोग थे. सुरक्षा में कोई कमी नहीं थी. इसी का फायदा तो हुआ है कि पुलिस ने तत्काल घेराबंदी करके ये कार्रवाई की.’

पूरा मामला क्या है?

2-3 जुलाई की दरमियानी रात कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस दल पर हमला हुआ. पुलिस विकास दुबे के घर छापा मारने पहुंची थी. इस हमले में आठ पुलिसवाले शहीद हुए. घटना के बाद विकास दुबे फरार हो गया. जांच बिठाई गई. उसकी तलाश के लिए पुलिस की 50 टीमें तैयार की गईं. उस पर इनाम लगाया गया. पहला इनाम 50 हजार का रखा, जिसे बढ़ाकर एक लाख, फिर ढाई लाख और आखिर में पांच लाख किया गया.

7 जुलाई को विकास के करीबी अमर दुबे का एनकाउंटर हुआ. वहीं, 9 जुलाई की सुबह ख़बर आई कि उसके दो और करीबी- प्रभात मिश्र और बउअन भी अलग-अलग जगह पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हैं. 9 जुलाई को ही विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर में दिखा. मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे पकड़कर यूपी STF के हवाले किया था. इसके बाद 10 जुलाई को कानपुर के रास्ते में विकास दुबे की एनकाउंटर में मौत हो गई.

Input: The lallantop

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