ब्रिटेन ने भारत सरकार से कहा है कि अभी विजय माल्या का प्रत्यर्पण नहीं हो सकता. ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि विजय माल्या से जुड़ा एक ‘गोपनीय कानूनी’ मामला चल रहा प्रत्यर्पण और जब तक इस मामले का समाधान नहीं हो जाता उसका भारत में प्रत्यर्पण संभव नहीं है. 

इससे पहले केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का उस समय तक भारत प्रत्यर्पण नहीं हो सकता, जब तक ब्रिटेन में चल रही एक अलग ‘गोपनीय कानूनी प्रक्रिया’ का समाधान नहीं हो जाता। केन्द्र ने कहा कि उसे ब्रिटेन में विजय माल्या के खिलाफ चल रही इस गोपनीय कार्यवाही की जानकारी नहीं है।

गृह मंत्रालय ने अवमानना मामले में दायर हलफनामे में कहा है कि यह कानूनी मुद्दा ‘प्रत्यर्पण प्रक्रिया’ से इतर है और यह ‘गोपनीय’ है और इसका खुलासा नहीं किया जा सकता। अवमानना मामले में न्यायालय माल्या को पहले ही दोषी ठहरा चुका है।

इससे पहले ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट ने मई महीने में विजय माल्या की यह अपील खारिज कर दी थी कि भारत में उसका प्रत्यर्पण रोका जाए. इसके बाद से ही भारत सरकार ब्रिटेन पर भगोड़े कारोबार माल्या के प्रत्यर्पण के लिए दबाव बना रही है. विजय माल्या के ऊपर  बैंकों से हजारों करोड़ रुपये के लोन की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कई आरोप हैं. 

बता दें कि विजय माल्या पर अब बंद हो चुकी किंग्सफिशर एयरलाइंस से संबंधित नौ हजार करोड़ रुपए से अधिक का बैंक कर्ज अदा नहीं करने का आरोप है। माल्या मई 2016 से ब्रिटेन में है और वह स्काटलैंड यार्ड द्वारा 18 अप्रैल, 2017 को प्रत्यर्पण वारंट की तामील के बाद से जमानत पर है। 

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