जालौन के कुरौली गांव में आर्थिक तंगी के चलते एक 30 साल के किसान ने अपनी जान दे दी. किसान पर दो लाख का कर्ज था. फसल खराब होने के बाद उसने यह कदम उठाया. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

उत्तर प्रदेश जिला जालौन के कुरौली गांव में आर्थिक तंगी के चलते एक 30 साल के किसान ने आत्महत्या कर ली. माली हालत खराब होने कि वजह से वो पिछले काफी समय से परेशान चल रहा था. गुरुवार को उसका शव खेत में लगे कटहल के पेड़ से लटका हुआ मिला. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. बताया जा रहा है कि किसान ने किसी साहूकार से खेती के लिए 2 लाख का कर्ज ले रखा था.

मृतक की पत्नी के अलावा उसके दो छोटे बच्चे हैं. परिजनों ने पुलिस को बताया कि वो अहमदाबाद में एक कंपनी में नौकरी कर रहा था. लेकिन लॉकडाउन की वजह से कंपनी बंद हो गई और गांव वापस आ गया. फिर पिता के छोटे से खेत में खेती करने लगा. फसल खराब हो गई कर्ज उतारना मुश्किल हो गया, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली. पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें मृतक ने आर्थिक तंगी को अपनी मौत का कारण बताया.

आर्थिक तंगी के चलते किसान ने दी जान
मृतक कुंतेश प्रजापति ने खेती के लिए साहूकार से दो लाख का कर्ज ले रखा था. फसल खराब होने के बाद हालात बिगड़ते चले गए. वो रोज की तरह खेत की रखवाली के लिए खेत पर गया था. फिर लौटकर नहीं आया और सुबह उसका शव पेड़ से झूलता मिला. वहीं मृतक के भाई दिनेश का कहना है कि वो अहमदाबाद में काम करता था, लॉकडाउन में लौट आया था और पिता के साथ खेती में हाथ बटा रहा था. लेकिन फसल भी खराब हो गई थी. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उसने फांसी लगा ली.

पुलिस मामले की जांच में जुटी
जालौन के सीओ सुबोध गौतम ने बताया कि कुठौड़ थाने के कॉरौली गांव में एक व्यक्ति द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या का मामला सामने आया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक रूप से किया गया है।

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