प्राथमिक स्कूलों में 69 हज़ार सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा के नतीजे आए. 12 मई को. जब रिजल्ट आया तो कई कैंडिडेट्स की मार्कशीट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी. 150 में से 143 से लेकर 130 नंबर तक पाने वाले ये कैंडिडेट अंडरग्राउंड होने लगे. इन कैंडिडेट्स का एकेडमिक बैकग्राउंड भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. जिसे देखने पर पता चलता है कि किसी को हाईस्कूल के बाद इंटर पास करने में 4 साल लग गए तो किसी ने ग्रेजुएशन पूरा करने में 7 साल लगा दिए. सोशल मीडिया पर ऐसी भी कई मार्कशीट वायरल है जिनमें एक ही परिवार के कई लोग पास हुए हैं. सबके लगभग बराबर ही नंबर हैं.

इन्हीं में से एक मार्कशीट थी धर्मेंद्र कुमार पटेल की. उनके 142 नंबर आए हैं, 150 में. हिंदुस्तान में छपी खबर मुताबिक़, धर्मेन्द्र को देश के राष्ट्रपति का नाम तक नहीं पता है. धर्मेंद्र जनरल नॉलेज के आसान सवालों के भी जवाब नहीं दे सके. वहीं कुछ जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को ओबीसी की लिस्ट में रैंक दी गई है.

विपक्ष हमलावर

मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया. लिखा,

“69 हज़ार शिक्षक भर्ती घोटाला उत्तर प्रदेश का व्यापम घोटाला है. इस मामले में गड़बड़ी के तथ्य सामान्य नहीं हैं. डायरियों में स्टूडेंट्स के नाम, पैसे का लेनदेन, परीक्षा केंद्रों में बड़ी हेरफेर, इन गड़बड़ियों में रैकेट का शामिल होना – ये सब दर्शाता है कि इसके तार काफी जगहों पर जुड़े हैं. मेहनत करने वाले युवाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. सरकार अगर न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा.”

इस मामले में प्रयागराज ए एसपी अशोक वेंकटेश ने बताया कि 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि टॉपर लिस्ट में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के पास से मिली डायरी में परीक्षा में बैठे 20 लोगों के नाम सामने आए. इसमें से 18 लोगों के सलेक्ट होने की बात सामने आई है. उन्होंने बताया कि बाकी के 17 लोगों की तलाश जारी है.

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