रामनगर निवासी कल्लू पल्लेदार की 21 वर्षीय बेटी नीशू शुक्रवार दोपहर अपनी दो सहेलियों के साथ बलदाऊ चौक के पास दुकान पर मोबाइल ठीक कराने गई थी। पुलिस के मुताबिक तभी कुछ दुकानदारों ने कोतवाली आकर बताया कि दो दिन पूर्व दुकान से पर्स चोरी हुआ था, जिसमें इन्हीं लड़कियों का हाथ है। इस पर पुलिस जीप से मोबाइल की दुकान पर पहुंची और नीशू व दोनों सहेलियों को पकड़ ले गई।

पुलिस प्रताड़ना से आहत कोतवाली क्षेत्र की एक युवती ने शुृनिवार की सुबह घर में फांसी लगा ली। पुलिस एक दिन पहले उसे पर्स चोरी के आरोप में कोतवाली ले गई थी। आठ घंटे बाद यह कहकर छोड़ा कि पूछताछ के लिए अगले दिन फिर आना है। कोतवाली पहुंचे परिजनों ने बेटी को कमरे में बंद कर मारपीट का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। सीओ संतोष कुमार ने तहरीर लेकर परिजनों को शांत कराया। कहा कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

परिजनों का आरोप है कि पुलिस करीब दो बजे नीशू को लेकर कोतवाली लेकर आई। बंद कमरे में पुलिस वाले अभद्रता व मारपीट करते रहे। कमरे में सिर्फ एक महिला सिपाही थी बाकी पुरुष पुलिस कर्मी थे। तीन बजे के आसपास सूचना पाकर परिजनों की भीड़ भी कोतवाली पहुंच गई। इसके बाद रात दस बजे नीशू व सहेलियों को छोड़ा गया, लेकिन शनिवार को पूछताछ के लिए दोबारा कोतवाली आने को कहा गया।

मां लौंगन देवी का कहना है कि छोटी बहनों के साथ कमरे में सोई नीशू ने शनिवार सुबह दुपट्टे का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। किसी तरह उसे फंदे से उतारा गया, लेकिन अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई।

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मामले की सूचना मिलते ही बसपा नेता भी कल्लू के घर पहुंच गए। कुछ ही देर में परिजनों की भीड़ मोहल्ले के लोगों के साथ कोतवाली पहुंची और हंगामा करने लगी। सीओ ने तहरीर लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब लोग शांत हुए। सीओ का कहना है कि मामला चोरी के शक का है, फिर भी यदि कोई पुलिस कर्मी दोषी होगा तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि परिजनों ने तहरीर में चोरी के शक पर नीशू को लाए जाने की बात ही नहीं लिखी है।

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