उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती की गैंगरेप के बाद हुई मौत के बाद अभी उसके चिता की आग ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि बलरामपुर में भी ठीक वैसा ही एक मामला सामने आ गया. वहां भी उसी तरह की हैवानियत पीड़ित लड़की के साथ हुई. पीड़ित लड़की कॉलेज में दाखिला लेने गई थी. 

बलरामपुर के गैसड़ी में मंगलवार सुबह घर से एडमिशन लेने के लिए निकली छात्रा का गांव के ही कुछ युवकों ने अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया. घटना के बाद किसी तरह घर पहुंची छात्रा को लेकर उसके परिजन जिला अस्पताल ले जाने लगे. लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया. 

हैवानियत की शिकार 22 साल की इस छात्रा को पहले किडनैप किया गया. फिर उसके बाद उसे इंजेक्शन लगाकर बेहोश किया गया. इसके बाद 2 आरोपियों ने उसके साथ बलात्कार किया. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. 

युवती कॉलेज की फीस जमा कराने के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे घर से निकली थी. शाम तक नहीं लौटी तो घरवालों ने फोन किया. लेकिन फोन बंद था. शाम करीब 7 बजे युवती गंभीर हालत में रिक्शे से घर पहुंची. उसके हाथ पर कैनुला लगा था. बेहोशी की हालत में थी और बोल भी नहीं पा रही थी. 

लड़की की मां ने मीडियाकर्मियों को बताया कि बेटी कॉलेज से लौट रही थी. रास्ते में कार में आए 3-4 लोगों ने उसे अगवा कर लिया. उसे नशे के इंजेक्शन देकर बलात्कार किया गया. वह बस इतना ही कह पाई कि पेट में बहुत तेज जलन हो रही है, हम मर जाएंगे.

हालांकि कुछ मीडिया संस्थानों की खबरों में कहा गया है कि पीड़ित छात्रा की कमर और पैर तोड़ दिया गया था. इससे वह खड़ा नहीं हो पा रही थी. हालांकि पुलिस ने इन खबरों को असत्य बताया है.

बुधवार सुबह गैसड़ी पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

इस घटना की पुष्टि करते हुए बलरामपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करुणेस ने एक बयान में बताया है कि गैसड़ी कोतवाली क्षेत्र में मंगलवार देर शाम एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला प्रकाश में आया था. जांच के बाद पता चला कि कॉलेज में दाखिला के लिए छात्रा को एक युवक कॉलेज तक ले गया था. दाखिले के बाद उसे वह वापस ले आया और एक कमरे में युवक और उसके चाचा ने युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया. हालत खराब होने पर दोनों ने छात्रा का इलाज कराने की भी कोशिश की. मामला ठीक न होने पर दोनों ने छात्रा को गंभीर हालत में घर पर छोड़ आए. परिजन छात्रा को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जा रहे थे. रास्ते में उसकी मौत हो गई. आरोपी चाचा शाहिद और भतीजे साहिल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक अंतिम संस्कार में पुलिस ने हाथरस के मामले की तरह ही जल्दबाजी दिखाई. बलरामपुर की पीड़ित का शव भी भारी पुलिस बल की तैनाती में मंगलवार रात को ही जला दिया गया. यह बात भी सामने आ रही है कि पुलिस ने मामला दबाने की कोशिश की थी. हालांकि, लोगों का कहना है कि पीड़ित परिवार की सहमति से ही अंतिम संस्कार किया गया.

यह मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि हाथरस के बाद अब बलरामपुर में भी एक बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार और उत्पीड़न का घृणित अपराध हुआ है. भाजपा सरकार बलरामपुर में हाथरस जैसी लापरवाही और लीपापोती न करे, बल्कि अपराधियों पर तुरंत कार्रवाई करे.

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