देश भर में बढ़ रहा है बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों की अधूरी भर्ती के कारण अब युवाओं ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब इस मुहिम का असर देश भर में दिखने लगा है, वही इससे पहले युवाओं ने 5 सितंबर को केंद्र सरकार के खिलाफ ताली थाली बजा कर अपना आक्रोश व्यक्त किया।
सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर नौजवान बेरोजगारी सरकारी नौकरियों के भर्ती में हो रही देरी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. यह सिलसिला बीते 30 सितंबर से चल रहा है. जब देशभर के युवा JEE Mains और NEET की परीक्षा टालने का आग्रह कर रहे थे.
युवाओं का कहना था कि हमारे देश में कोरोना संक्रमण लगातार विकराल रूप धारण कर रहा है, यही प्रतिदिन लगभग 1 लाख तक नए मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में इन परीक्षाओं को कराना हमारे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना होगा। परंतु वहीं सरकार के अलग दलीले थी की युवाओं का नुकसान होगा।
बीते 30 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन के बात पर युवाओं का गुस्सा फूट गया, युवाओं का कहना था कि आज देश मे बेरोजगारी बढ़ गई हैं, सरकारी भर्तियों के नाम पर युवाओं को सालों साल तक गुमराह किया जा रहा है, ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी अपने मन की बात करने में व्यस्त हैं, जिसके बाद देशभर के युवाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और मन की बात नहीं काम की बात करने के लिए मुहिम चलाई।
वही अब युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को बेरोजगार दिवस और जुमला दिवस के रूप में मनाने वाले है। जिसको लेकर अभी से ही देशभर में मुहिम देखने को मिल रहा है, प्रतिदिन ट्वीटर पर छात्र 17 सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को बेरोजगार दिवस के रूप में मनाने का ट्रेंड चला रहे हैं।
युवाओं का कहना है कि लगातार प्रदर्शन किये जाने के बावजूद सरकार बेरोज़गारी की समस्या को गंभीरता से नहीं ले रही है। बेरोज़गार युवा चीख चीख कर अपनी बात कह रहे हैं। थाली पीटकर अंधाधुंध निजीकरण से आगाह कर रहा है तो दिया जलाकर दिशा भी दिखा रहा है। लेकिन सरकार को न चीख सुनाई दे रही, न थाली की आवाज़ और न ही दियों की रौशनी दिखाई दे रही।