देश में पुछले कुछ दिनों से चल रहे टीआरपी घोटाले (TRP Scam) ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। मुंबई (Mumbai) के बाद अब ये मामला यूपी तक पहुंच गया है। जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस सरकार ने इस मामले में एक शिकायत दर्ज की और सीबीआई को जांच सौंपने का अनुरोध किया था। योगी सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने एफआईआर (FIR) दर्ज की है।

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बताया गया है कि 17 अक्टूबर को यूपी पुलिस ने केस (TRP Scam Case) रजिस्टर किया था. फिर यूपी सरकार की गुजारिश पर केंद्र ने मामला सीबीआई को सौंप दिया. खबर के मुताबिक, मामला यूपी के हजरतगंज में कमल शर्मा नाम के शख्स ने दर्ज करवाया था. जो कि गोल्डन रैबिट कम्यूनिकेशन नाम से मीडिया और विज्ञापन का काम करते हैं. और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थक है। शिकायत में किसी का नाम नहीं है. कहा गया कि सभी चैनलों की जांच होनी चाहिए।

दरसअल मुंबई पुलिस ने TRP घोटाले को उजागर किया था. उसने कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है. इस मामले में दो मराठी चैनलों के साथ-साथ रिपब्लिक भारत नाम के न्यूज चैनल का नाम सामने आया है. रिपब्लिक भारत के इंडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी का नाम भी इस मामले में सामने आया है।

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रिपब्लिक भारत को केंद्र और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का समर्थक माना जाता है. इस मामले में जिस तरह से उत्तर प्रदेश ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है, उसके कुछ राजनीतिक मायने भी निकाले जा सकते है।

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