Supreme Court Order On School Fees Parents Will Get Big Relief: आपको बता दे कि देश की सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India) ने देश के उन सभी तमाम माता-पिता को बड़ी ही राहत दे दी हैं जो कि इस कोरोना महामारी के समय lockdown के दौरान आर्थिक तंगी के बावजूद भी पूरी फीस की डिमांड से बेहद परेशान थे! बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्कूलों को यह आदेश दे दिया है कि वह एनुअल फीस के अंदर 15% की कटौती कर दे! वहीं सुप्रीम कोर्ट का ये भी कहना है कि बच्चों ने स्कूलों की वह सुविधा नहीं ली है जो वह स्कूल में लेने आते हैं और वही ऐसे में अब उनको साल 2020-21 की एनुअल फीस के अंदर 15% की कटौती करनी ही चाहिए!

विद्यार्थी और माता पिता को मिलने वाली है बड़ी राहत-

आपको बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ की ओर से यह आदेश जारी किया गया है कि यह फ़ीस 6 किस्तों में 5 अगस्त 2021 तक ली जाएगी! वहीं दूसरी ओर ये आदेश दिया गया है कि फीस ना देने पर 10वीं और साथ ही 12वीं के सभी छात्रों का रिजल्ट को भी नहीं रोका जाएगा और इसके साथ ही ना ही उनको परीक्षा में बैठने से रोका जाएगा! कोर्ट के इस आदेश के मुताबिक यदि कोई माता-पिता फ़ीस देने के लिए समर्थ नहीं है तो फिर स्कूल उनके मामलों पर विचार करेंगे लेकिन उनके बच्चे का रिजल्ट बिल्कुल भी नहीं रोक पाएंगे!

सभी माता पिता को 15% की मिलने जा रहीं हैं बचत-

सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक यह आदेश डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत नहीं दिया जा सकता क्योंकि इस कानून के अंदर यह सब नहीं है कि सरकार महामारी की रोकथाम के लिए शुल्क या फिर कोई अनुबंध में कटौती करने का आदेश दे सकती है। बता दें कि इस एक्ट में अथॉरिटी आपदा के प्रसार की रोकथाम करने के लिए अधिकृत किया गया है! सभी का ये भी कहना है कि स्कूलों में लॉकडाउन के दौरान बिजली पानी पेट्रोल स्टेशनरी और साथ ही रखरखाव की कीमत में 15% के आसपास बचत किए हैं और वही अगर छात्रों से यह पैसा वसूला जाता है तो फिर वह शिक्षा का बिजनेस करना जैसा ही हो!

मामले की सुनवाई के दौरान आया यह बड़ा आदेश-

दरअसल आपको बता दें कि देश की सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान के 36000 नेता प्राप्त प्राइवेट स्कूल और साथ ही 220 साहिता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों के मामले में अपने इस आदेश को जारी किया है! राजस्थान सरकार ने सभी स्कूलों को ये आदेश दिया था कि लोग lockdown को देखते हुए स्कूल छात्रों से 30% कटौती करें! स्कूलों को फीस में कटौती करने का आदेश डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 72 के तहत दिया गया था! बता दे कि इस आदेश को स्कूल ने हाई कोर्ट के अंदर चुनौती दी थी और साथ ही कहा था कि यह आदेश उन्हें संविधान के अनुच्छेद 19.1 G के तहत मिले व्यवसाय करने के मौलिक अधिकार के विरुद्ध है!

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