कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दिया एक और झटका, अब महाराष्ट्र के बुरे..

आपको बता दें कि ठाणे सेशन कोर्ट ने महाराष्ट्र एटीएस को मनसुख हिरेन की मौत की जांच को रोकने और साथ ही केस एनआईए को सौंपने का निर्देश दिया है। एनआईए ने अतीत में अदालत का रुख अपनाते हुए कहा था कि गृह मंत्रालय के आदेश के बावजूद भी महाराष्ट्र एटीएस मामले की जांच एनआईए को नहीं सौंप रहा है। एनआईए एंटीलिया में मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो कार के मालिक मनसुख हिरेन की मौत और साथ ही विस्फोटक मामले की जांच कर रही है, लेकिन महाराष्ट्र एटीएस भी जांच जारी रखे हुए है।

बता दे कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद भी, महाराष्ट्र एटीएस मनसुख हिरेन हत्याकांड की जांच एनआईए को नहीं सौंप रही थी। जिसके बाद NI ने कोर्ट का रुख अपनाया है । वही मामले की सुनवाई करते हुए, अदालत ने आज महाराष्ट्र एटीएस को मनसुख हिरेन की मौत की जांच बंद करने और साथ ही इस पूरे मामले को एनआईए को सौंपने का निर्देश दिया। वही एनआईए फिलहाल एंटीलिया मामले की जांच कर रही है और साथ ही सचिन वाजे इस मामले में 25 मार्च तक उसकी हिरासत में है।

बता दे कि कोर्ट से आदेश मिलने के बाद अब , NI ने महाराष्ट्र ATS से आरोपी पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े की हिरासत को छीन ली है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने निलंबित मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वेज के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) और साथ ही अधिनियम (UAPA) लगाया है।

वही इससे पहले, महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख जय जीत सिंह ने मंगलवार को ये खुलासा किया था कि, “मनसुख मामले में, अपराध में इस्तेमाल किए गए सभी 14 सिम कार्ड गुजरात के ही एक कंपनी के नाम से निलंबित एपीआई द्वारा खरीदे गए थे। बुकी नरेश गौर ने सिम कार्ड सौंप दिया था। सजायाफ्ता सैनिक विनायक शिंदे, दोनों को 21 मार्च की सुबह 9 बजे गिरफ्तार किया गया है।

जबकि दूसरी ओर, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह के पत्र के बाद महाराष्ट्र की राजनीति काफी तेज हो गई है। राज्य में भारतीय जनता पार्टी गृह मंत्री देशमुख का इस्तीफा मांग रही है। जबकि दूसरी तरफ, शरद पवार सरकार का इसका बचाव कर रहे हैं। इस बीच, इस पूरे प्रकरण पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर पर एक बैठक हुई। जिसमें की कमिश्नर नागराले भी वहां पर मौजूद थे।

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