आपको बता दें कि यह मैसेज तिहाड़ की जेल में बंद अख्तर के सेल में एक फोन से मिला। वही अख्तर जेल में 2013 के हुई हैदराबाद विस्फोट मामले में मौत की सजा काट रहा है। एक महीने तक, दिल्ली पुलिस के जांचकर्ताओं ने अख्तर से लगातार पूछताछ की। तो वही उसने शुरू में कहा था कि उसके नए आतंकवादी समूह ने कार एंटीलिया के बाहर पार्क की थी, लेकिन फिर वो बाद में उसने माना कि ये सब बिल्कुल झूठ था।

जांच से परिचित एक अधिकारी ने बताया “अख्तर से कई घंटों तक लगातार पूछताछ की गई। शुरू में, तो उसने यह जिम्मेदारी लेकर हमें पूरी तरह से गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन फिर बाद में हमे सच पता लगा।” अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ‘इस बात का भी कोई सबूत नहीं था कि आतंकी समूह मौजूद है। बाद में, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने इसे बनाया था। वह सिर्फ जांचकर्ताओं को गुमराह करने चर्चित होने के लिए ऐसा कर रहे थे।’

बता दे कि दिल्ली पुलिस की एक जांच में यह खुलासा हुआ है कि जेल में बंद इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के सदस्य तहसीन अख्तर ने फरवरी में देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से लदी कार पार्क करने की जो जिम्मेदारी ली थी वह पूरी तरह से झूठी थी। ये सब उसने सिर्फ खुद को सुर्खियों में बने रहने के लिए ही किया था।

वही 10 मार्च को, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने जैश-उल-हिंद नाम के एक आतंकवादी समूह की ओर से टेलीग्राम पर आए एक मैसेज का पता लगाया। इसमें 25 फरवरी को मुंबई में देश के मशहूर बिजनेस मेन अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर एक सड़क पर 20 जिलेटिन स्टिक के साथ स्कॉर्पियो वाहन पार्क करने की जिम्मेदारी का दावा किया गया था।

वही आपको बता दें कि पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में यह पुष्टि की है कि अख्तर, इंडियन मुजाहिदीन या उसके नए आतंकी समूह की अंबानी मामले में कोई भी भूमिका नहीं थी। बता दें कि पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े को इस मामले में आरोपी बनाया गया था और साथ ही उन्हें मुंबई पुलिस से बर्खास्त भी कर दिया गया था।

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