तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कोरोना आर्थिक पैकेज को संघवाद की मूल अवधारणा का उल्लंघन क़रार दिया है। उन्होंने इसे ‘ब्लैकमेल’ बताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार इस पैकेज के ज़रिए ‘हमारे गले पर चाकू रख कर’ हमसे मनमर्जी का काम करवाना चाहती है।

आर्थिक पैकेज पर यह अब तक का सबसे ज़ोरदार हमला है। राव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘यह संघवाद नहीं है। प्रधानमंत्री द्वारा कही गई सहकारी संघवाद की बात बकवास है, मजाक है।’

केसीआर ने संघवाद के बारे में कहा, ‘हम भी एक सरकार चला रहे हैं, हम केंद्र के अधीन नहीं हैं। यह सच है कि राज्यों के दायित्व और कर्तव्य केंद्र से ज़्यादा हैं।’

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने आर्थिक पैकेज का मजाक उड़ाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने बैंकों के क़र्ज़ लेने पर भी शर्तें थोप दी हैं। इसी तरह केंद्र ऐसी कई चीजों को कोरोना पैकेज का हिस्सा बता रही है, जो पहले से ही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ‘वन नेशन, वन रेशन’ कार्ड की अवधारण कोरोना संकट के पहले की है, पर इसे भी कोरोना पैकेज के साथ जोड़ कर प्रचारित किया जा रहा है। 

पर केसीआर ने सबसे तीखा हमला क़र्ज़ लेने के लिए लगाई गई शर्तों पर बोला और इस हद तक चले गए कि साफ़ शब्दों में कह दिया कि ‘हमें यह क़र्ज़ नहीं चाहिए।’ उन्होंने कहा, 

‘वे हमारी गर्दन पर चाकू रख कर कहते हैं, यदि तुमने यह काम कर दिया हम तुम्हें 2,000 करोड़ रुपये का क़र्ज़ दे देंगे। वे चाहते हैं कि हम म्युनिसपलल टैक्स बढ़ाएं। हमें ये 2,000 करोड़ रुपये नहीं चाहिए।’

उन्होंने इस पर विस्तार से सफ़ाई देते हुए कहा, ‘हम सुधार के ख़िलाफ़ नहीं है। उन्होंने जो शर्तें थोपी हैं, हमने उससे कहीं ज़्यादा सुधार किए हैं। पर उनका तरीका एकदम ग़लत है।’ 

बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशेष आर्थिक पैकेज का एलान करते हुए कहा था कि फिस्कल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंज बजट मैनेजमेंट एक्ट के तहत मिलने वाला क़र्ज बढ़ा कर 3 से 5 प्रतिशत कर दिया गया है। पर इसके लिए कुछ शर्तें होंगी। 

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