आपको बता दें कि शुक्रवार यानी 11 जून को देश की सर्वोच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की सरकार को बिना किसी आनाकानी के वन नेशन वन राशन कार्ड की योजना को जल्द ही लागू करने का आदेश दे दिया! अदालत का यह साफ कहना है कि आप एक के बाद एक जने की दूसरी समस्या का हवाला नहीं दे सकते हैं। यह योजना प्रवासी श्रमिकों के लिए है!
वही इसके अलावा देश की सर्वोच्च न्यायालय ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को होने वाली सभी समस्याओं और साथ ही असंगठित श्रमिकों की पंजीकरण प्रक्रिया से संबंधित मामले पर भी फैसला सुरक्षित रख लिया है! ताकि वह रजिस्ट्रेशन करवा कर विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें!
हालाकि मीडिया से मिल रही जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल की सरकार की ओर से पेश हुए वकील का ये कहना है कि आधार कार्ड की दिक्कतों के कारण यह योजना अब तक लागू ही नहीं हो पाई है! इस पर सर्वोच्च न्यायालय का साफ तौर पर यह कहना है कि उसे केंद्र सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू ही करनी होगी! जस्टिस एमआर शाह का कहना है कि अब कोई भी बहाना बिल्कुल भी नहीं चलने वाला है जब सारे राज्य यह कर चुके हैं तो फिर पश्चिम बंगाल को क्या दिक्कत हो रही है हर हाल में उन्हें भी यह योजना लागू होनी चाहिए!
वही आपको बता दें कि हाल ही में दो और भी मामलों को लेकर देश के सर्वोच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की सरकार को हड़काया था! वही मंगलवार यानी कि 8 जून को देश के सर्वोच्च न्यायालय ने मार्च 2020 के बाद अनाथ हुए बच्चों के संबंध में भी अपना फैसला सुनाते हुए पश्चिम बंगाल की सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी! सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि सभी राज्यों ने उसके आदेश मानते हुए व्यक्तिगत रूप से सूचनाओं को अपलोड किया है। लेकिन एक पश्चिम बंगाल की ही सरकार है जिसे अब तक यह आदेश समझ में नहीं आया!
बता दे कि इसके साथ ही देश के सर्वोच्च न्यायालय का कहना था कि सरकार कन्फ्यूजन वाला बहाना बिल्कुल भी ना बनाएं क्योंकि और सारे राज्यों ने आदेश का पालन किया तो बस पश्चिम बंगाल नहीं कन्फ्यूजन कैसे हो सकता है? अदालत ने यह भी आदेश दिया था कि पश्चिम बंगाल सरकार में ना सिर्फ सूचनाओं को अपलोड करें बल्कि अनाथ बच्चों के लिए चल रही सभी योजनाओं का भी लाभ उन तक पहुंचाया जाए!