गुजरात (Gujarat) में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में एक मंत्री के बेटे को लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर आड़े हाथों लेने वाली पुलिस कांस्टेबल सुनीता यादव (Sunita Yadav) ने कहा है कि वह ‘लेडी सिंघम’ नहीं हैं. यादव ने दावा किया कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है और वह IPS बनना चाहती हैं. उन्होंने कहा है कि ‘मैं कोई लेडी सिंघम नहीं हूं. मैं साधारण एलआर अधिकारी (लोक रक्षक दल) हूं. मैंने सिर्फ अपना कर्तव्य निभाया. लोग ऐसा कहते हैं क्योंकि बहुत से पुलिसकर्मी ऐसा नहीं करते हालांकि लोगों की प्रतिक्रिया अच्छी लगी.

उन्होंने कहा, ‘पहले मुझे लगता था कि खाकी (पुलिस की वर्दी) में ताकत है. इस घटना ने सिखाया है कि ताकत रैंक में होती है. इसलिए मैं IPS की तैयारी करना चाहती हूं. मैं रैंक के साथ वापस आना चाहती हूं. यह मुद्दा आसानी से हल किया गया जा सकता था लेकिन इसे च्यूइंगम की तरह बढ़ाया जा रहा है क्योंकि मेरे पास रैंक नहीं है.’

इंडिया टुडे टीवी पर दिये एक बयान में यादव ने कहा, ‘जरूरी वजह हो तो कर्फ्यू के दौरान आने जाने की अनुमति है लेकिन इन लोगों के (मंत्री के बेटे) पास कोई वजह नहीं थी. उन्होंने मुझसे ‘सॉरी’ कहते हुए माफी मांगी. मैंने उन्हें बिना सजा दिए जाने देने के बारे में सोचा, लेकिन कानून के अनुसार मुझे कुछ करना था. मेरे पास चालान या स्लिप नहीं थी इसलिए मैंने सोचा कि कानून के उल्लंघन के लिए कुछ डांट फटकार ठीक होगी.’

वहीं यादव ने कई समाचार चैनलों पर दावा किया है कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है हालांकि सूरत के पुलिस आयुक्त आर बी ब्रह्मभट्ट ने कहा, ‘उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है. पूछताछ अभी भी जारी है. तकनीकी रूप से फिलहाल वह इस्तीफा नहीं दे सकतीं.’ पीटीआई के अनुसार यादव ने कहा, ‘मुझे मेरे वरिष्ठ अधिकारियों से सहयोग नहीं मिला, लिहाजा मैंने इस्तीफा दे दिया. मैं एक सिपाही के तौर पर अपना काम कर रही थी. यह हमारी व्यवस्था का दोष है कि ऐसे लोग (मंत्री के बेटे जैसे) सोचते हैं कि वे वीवीआईपी (अति विशिष्ट लोग) हैं.’

यादव की कार्रवाई पर सूरत शहर में लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू के कथित उल्लंघन को लेकर गुजरात के मंत्री कुमार कनाणी के बेटे प्रकाश और उसके दो दोस्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी और उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here