विपक्ष स्मृति को उनकी शिक्षा पर हमेशा घेरता आया है क्योंकि वो हर नामांकन में अपनी शिक्षा के बारे में अलग जानकारी देती हैं. लेकिन उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान बहस को विराम देते हुए ये मान लिया कि वो सिर्फ 12वीं पास हैं.लोकसभा चुनावों के दौरान ईरानी ने शपथ पत्र में अपनी शिक्षा के बारे में गलत जानकारी दी थी. इस मुद्दे पर पहले भी बवाल हो चुका है.

बवाल तो उस वक्त मच गया था जब पत्रकार मधु किश्वर ने ट्वीट कर यह दावा किया था कि मंत्री स्मृति ईरानी 12वीं कक्षा में दो बार फैल हुईं और तीसरी बार में जब उन्होंने यह परीक्षा उत्तीर्ण की तो उन्हें कुल 47 प्रतिशत अंक मिले।.

स्मृति ईरानी 2004 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली के चांदनी चौक से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार थीं. उस वक्त उनके हलफ़नामे में लिखा था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्विद्यालय से पत्राचार माध्यम से बीए किया है.

जब स्मृति ईरानी 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से चुनाव लड़ने जा रहीं थी तो उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में लिखा था उन्होंने तीन साल की डिग्री कोर्स पूरा नहीं किया. यानि वह ग्रेजुएट नहीं हैं. हलफनामे में उच्चतम शिक्षा के कॉलम में स्मृति ईरानी ने लिखा- दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (पत्राचार) से ‘बैचलर ऑफ कॉमर्स पार्ट-1.’ इस कोर्स का वर्ष उन्होंने 1994 लिखा है. इसका अर्थ है कि उन्होंने इस साल यह डिग्री कोर्स शुरू किया था लेकिन इसे पूरा नहीं किया.

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने जो हलफनामा दाखिल किया जिसमें लिखा है कि ‘तीन साल की डिग्री कोर्स अपूर्ण.’ हलफनामे के अनुसार ईरानी ने 1991 में हाईस्कूल की परीक्षा पास की, 1993 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की.

इससे पहले साल 2014 में अमेठी सीट से पहली बार चुनाव लड़ने के दौरान स्मृति ईरानी ने हलफनामे में लिखा था कि 1994 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (पत्राचार) से बैचलर ऑफ कॉमर्स पार्ट-1 किया था. वहीं 2004 में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के दौरान स्मृति ने एफिडेविट में लिखा था कि उन्होंने सन 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कॉरस्पोंडेंस से ‘बैचलर ऑफ आर्ट’ किया था.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here