शाहीन बाग के सामाजिक कार्यकर्ता शहजाद अली ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। शहजाद भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। इस मौके पर भाजपा नेता श्याम जाजू भी मौजूद थे। इस दौरान अली ने कहा कि हमारे समुदाय के कुछ लोग भाजपा को अपना दुश्मन समझते हैं, मैं उन्हें गलत साबित करना चाहता हूं।
भारतीय जनता पार्टी में एंट्री करने के बाद शहजाद अली ने कहा, ‘मैं भाजपा में शामिल हो गया हूं ताकि अपने समुदाय के उन लोगों को गलत साबित कर सकूं, जो इस पार्टी को अपना दुश्मन समझते हैं। इसके अलावा हम सीएए के मुद्दे पर भी उनके साथ बैठेंगे।
बीजेपी ने ही कराए हैं दिल्ली में दंगे आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि दिल्ली में बीजेपी ने सुनियोजित तरीके से दंगे करवाए। सिंह ने कहा कि ये बात मैं संसद में भी बोल चुका हूं और पहले दिन से यही कह रहा हूं कि दिल्ली के दंगे भारतीय जनता पार्टी ने करवाए हैं।
उन्होंने कहा कि दंगों के दौरान केंद्रीय गृहमंत्रालय के अंतर्गत आने वाली दिल्ली पुलिस ने इन दंगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि दंगे होने के बाद पुलिस कार्रावई कर रही है। उसमें भी चार्जशीट में कई बातें छुपाई जा रही हैं। संजय सिंह ने कहा कि अब दिल्ली पुलिस की मदद के लिए बीजेपी अपने पसंदीदा वकील लगाने में तुली हुई है।
दंगों में शामिल काले चहरे छुपाना चाहती है बीजेपी- संजय सिंह
संजय सिंह ने कहा है कि दिल्ली दंगों में शामिल बीजेपी के काले चहरों को छुपाने के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार अपने पसंदीदा वकील इस केस में लगवाना चाहती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल मिलकर उन लोगों को बचाना चाहते हैं जो दिल्ली दंगों का कारण बने।
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सीएए के खिलाफ शाहीन बाग के धरने को बहुत बड़ा मुद्दा बनाया था, लेकिन अब उसी इलाके के एक सामाजिक कार्यकर्ता और युवा मुस्लिम चेहरे ने अपने हाथ में कमल थाम लिया है।
इस वजह से मचा था हंगामा
आपको बता दें कि दिसंबर 2019 में मोदी सरकार ने संसद से सीएए (नागरिकता संशोधन विधेयक) पास कराकर नागरिकता संशोधन कानून लागू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है। इस कानून के तहत इन तीनों देशों से जो हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध,पारसी और क्रिश्चियन धार्मिक प्रताड़ना की वजह से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत में आकर शरणार्थी का जीवन जी रहे हैं, उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी। लेकिन इस कानून के विरोध में मुस्लिम समुदाय ने देशभर में धरना प्रदर्शन किया, जिसमें दिल्ली के शाहीन बाग का धरना देश दुनिया में चर्चा में रहा था. यही नहीं, सीएए का कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने जोरदार विरोध किया था।