नई दिल्ली: सुदर्शन न्यूज़ वाले सुरेश चव्हाणके को बड़ा झटका लगा है दिल्ली हाईकोर्ट के बाद अब सुरेश चव्हाणके को सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि इसके संचालन विवादित शो को चलाना तथा लोगों को गुमराह करना सांप्रदायिकता का भावना पैदा करना किसी भी संचालन को फ्रीडम नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश तक रोक लगा दी है।
हालांकि केंद्र सरकार ने 9 सितंबर को प्रसारण की अनुमति दे दी इसके बाद 11 और 14 सितंबर को इसके 2 एपिसोड प्रसारित भी हुए जिसमें यूपीएससी को लेकर शो के जरिए कुछ आलोचना किया गया.
यूपीएससी जिहाद के नाम पर प्रोग्राम बना कर लोगों के बीच सांप्रदायिकता भावना पैदा करना सही नहीं है दरअसल इस शो का नाम “बिंदास बोल” है, इस प्रोग्राम के जरिए सुरेश चव्हाणके ने ‘यूपीएससी जिहाद’ ‘नौकरशाही जिहाद’ की डिटेल तथा पर्दाफाश करने का दावा किया था ।
इस मामले को लेकर कुछ लोगों ने कोर्ट में याचिका लगाया था जिसके बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा टिप्पणी करते हुए कहा गया सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्र चूर और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा की ऊपरी तौर पर इस प्रोग्राम का मकसद यही लगता है कि इस कार्यक्रम के जरिए मुसलमानों की छवि को गलत तरीके से प्रस्तुत करना है।
कोर्ट ने क्या कहा?
“प्रोग्राम में मुसलमानों की ऊपर एज लिमिट और वह कितनी बार परीक्षा दे सकते हैं इसे लेकर कई फेक्चुअली गलत दावे किए गए हैं सभी समुदायों को एक्जिस्टेंस लोकतंत्र का मूल है ऐसे में किसी भी धर्म को विलेन के तहत प्रस्तुत करने की कोशिश का समर्थन नहीं किया जा सकता है.”
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगले आदेश के आने तक सुदर्शन न्यूज़ टीवी पर अपने शॉप के बचे हुए एपिसोड प्रसारित नहीं कर सकता है इसी इनाम के जरिए भी प्रसारित नहीं कर सकता है इस पर प्रसारण करने को लेकर पूरी तरीके से रोक रहेगी.
दरअसल याचिकाकर्ताओं ने कहा की टीआरपी बिट्टू उड़ने के लिए इस तरह की न्यूज़ वह हिट स्पीच दी जाती है जिससे लोगों के अंदर सांप्रदायिकता की भावना उजागर होती है उसके बाद वायलेंस पैदा होती है. सुदर्शन न्यूज़ टीवी के सुरेश चव्हाणके यूपीएससी मुसलमान छात्रों का जाना जिहाद बता कर हेट स्पीच फैलाई जा रही है.
इस फैसले को सुनाते हुए जस्टिस डिवाइस चंद्रचूर ने ये भी कहा कि वो पाच नागरिकों की एक ऐसी कमेटी बनाने पर भी विचार कर रहे हैं जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की कुछ स्टैंडर्ड तय करें और इस तरह के प्रोग्राम जो संप्रदायिकता फैलाने वाली हो हेट स्पीच देने व टीआरपी के लिए कोई ना चलाएं।