राजस्थान में सियासी उठापटक थमने का नाम नहीं ले रही. कांग्रेस के दोनों गुटों के विधायक अभी भी होटलों में हैं. वहीं राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस-बीजेपी एकदूसरे पर जुबानी हमले कर रही हैं. इन सबके बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार की स्थिति मजबूत करने की कोशिशों में लगे हैं.

दरअसल, विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े तीन ऑडियो क्लिप सामने आए हैं. और राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने इस मामले में संजय जैन नाम के शख्स की गिरफ़्तारी भी की है. कहा जा रहा है कि इस बात के सबूत मिले हैं कि अशोक गहलोत खेमे के तीन विधायक ख़रीदने के लिए संजय जैन ने 100 करोड़ रुपए का बजट रखा था.

जैन को बीते शुक्रवार गिरफ़्तार करने के बाद SOG ने चार दिन की रिमांड पर लिया था. टीम ने वायरल हुए ऑडियो के आधार पर संजय जैन, अशोक सिंह और भरत मालानी को गिरफ़्तार किया था. जांच टीम का दावा है कि असल खेल कोई और ही खेल रहा है, ये गिरफ़्तार हुए लोग साज़िश की छोटी कड़ी भर हैं.

राजस्थान बीजेपी के प्रवक्ता इसे बीजेपी को बदनाम करने के  लिए रची गई कांग्रेस की साज़िश बता रहे हैं. दूसरी तरफ़ कांग्रेस के प्रवक्ता कह रहे हैं कि जैन बीजेपी के कार्यालय में काम करते हैं. और केंद्रीय नेताओं के कहने पर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं.

उदयपुरवाटी से कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुड़ा ने आरोप लगाया कि उन्हें पार्टी बदलने का लालच दिया गया. उन्होंने कहा कि संजय जैन उनके पास भी आया था. उसने छह महीने पहले उन्हें वसुंधरा राजे ने मिलाने की बात कही थी. गुड़ा ने दावा किया कि विधायकों को खरीदने के मामले में गिरफ्तार तीनों लोग पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी हैं.

सीएम अशोक गहलोत का भी यही कहना है कि विरोधी उनकी सरकार को गिराने के लिए डील कर रहे थे

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