गुजरात के अमरेली में पुलिस ने एक आश्रम से तीन लोगों को 35 वर्षीय महिला संग बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने अब तीन अन्य लोगों को पीड़िता से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन लोगों ने कथित तौर पर पीड़िता का वीडियो शूट किया और उसकी मदद के बहाने आरोपियों को ब्लैकमेल कर 45 लाख रुपए मांगे.

पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान प्रवीण राठौड़ (भावनगर निवासी), जिज्ञेश मनवर (बोटाड में ढासा जंक्शन का निवासी) और रमेश मारू (अमरेली के खंभा का निवासी) के रूप में की गई है। इन्हें पीड़िता को बदनाम करने और उसके वीडियो के जरिए बलात्कार के आरोपियों को ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों का दावा है कि वो एक एनजीओ से जुड़े हैं। पुलिस ने इसके अलावा अपंजीकृत एनजीओ की दो महिलाओं के खिलाफ भी केस दर्ज किया है।

पुलिस ने ये कार्रवाई उन तीनों लोगों की गिरफ्तारी के बाद की जब एक 35 वर्षीय महिला संग एक आश्रम कई बार बलात्कार किया गया। इन आरोपियों की पहचान रघुराम भगत (अमरेली में लाठी निवासी), जगदेश भगत (बोटाड निवासी) और भावेश भगत (बोडाड निवासी) के रूप में हुई है।

आरोपियों ने महिला को डेढ़ साल तक अमरेली के नारायणगढ़ गांव में सत देवीदास आश्रम के एक कमरे में बंद कर रखा। मामले में दामनगर तालुका की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बीस जून को केस दर्ज किया।

पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने खुद की पहचान साधु भगत के रूप में बताई और दावा किया कि वो स्वामी नारायण के संप्रदाय से हैं। तीनों आरोपियों देवीदास आश्रम में रुके थे।

शिकायत के मुताबिक आरोपी महिला को काम के बहाने बोटाड से अमरेली लाए और बाद में कई मौकों पर उसके साथ जबरन बलात्कार किया। तीनों ने महिला को धमकी दी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो चोरी के झूठे आरोप में फंसा दिया जाएगा

इधर दामनगर पुलिस स्टेशन के इंचार्ज ऑफिसर वीएल परमार ने बताया कि बलात्कार के तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद हमें पता चला कि एक अपंजीकृत एनजीओ के कुछ सदस्यों ने महिला को उसकी मदद की पेशकश की।

उन्होंने उसका वीडियो बनाया और मदद का वादा किया। मगर महिला की मर्जी के बिना उन्होंने सोशल मीडिया में वीडियो अपलोड कर दिया। रेप के तीनों आरोपियों से 45 लाख रुपए की मांग की गई।

वीएल परमार ने बताया कि मामले में जब पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई हमने तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया और सोमवार देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

जांच में हमें ये भी पता चला है कि आरोपी जो एनजीओ चला रहे हैं वो पंजीकृत नहीं है। एनजीओ से जुड़ी दो अन्य महिलाओं को हालांकि अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। मामले में जांच जारी है।

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