PM मोदी के लिए यह अक्सर कहा जाता है कि वह अपने उद्योगपति दोस्तों के लिए कुछ भी कर सकते हैं. देश को भले ही नुकसान हो लेकिन वह अपने दोस्तों को फायदा दिलाने के लिए नियम कानून को तोड़ने और मरोड़ने से पीछे नहीं हटते. एक बार फिर इस तरह की शिकायत का सुर उठने लगे हैं।
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अडानी समूह के साथ पीएम मोदी की निकटता किसी से छिपी नहीं है, बीते 6 सालों में इस दोस्ती के कई उदाहरण देखे गए हैं. और एक बार फिर कहा जा रहा है कि PM मोदी ने अडानी समूह को फायदा पहुँचाया है. शिकायत है कि पीएम मोदी ने अडाणी समूह (Adani Group) को फायदा पहुंचाने के लिए सारे नियम कानूनों को दांव पर लगा दिया।
दरअसल मोदी सरकार ने अडानी समूह को देश के 6 हवाई अड्डा के संचालन और देखरेख का ठेका दिया है. जिसके बाद इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं. सीपीआई (CPI) सांसद इलामारम करीम (Elamaram Kareem) ने Central Vigilance Commission (CVC) को पत्र लिखकर मोदी सरकार पर आरोप लगाए हैं. मोदी सरकार ने एएआई (AAI) एक्ट 1994 का उल्लंघन किया है. इसके अलावा और भी नियम है जो सरकार ने इस डील को फिक्स करने के लिए तोड़ दिए हैं।
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अडानी एंटरप्राइजेज को देश के छह हवाई अड्डे 50 साल के लिए देना एएआई एक्ट (AAI) 1994 का उल्लंघन है. जिसमें स्पष्ट किया गया है, कि किसी भी हवाई अड्डे को किसी निजी व्यक्ति या कॉर्पोरेट को 30 वर्ष से अधिक के लिए लीज पर नहीं दिया जा सकता. नीलामी की प्रक्रिया में मंत्रालय ने अनावश्यक नियम जोड़ें।
जिससे एयरपोर्ट संचालन करने वाली बड़ी संस्थाएं नीलामी प्रक्रिया से बाहर रही. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अडानी इंटरप्राइजेज द्वारा दिए गए बोली कि मौजूदा प्रति यात्री शुल्क से तुलना नहीं कि जिससे यह पता लग सकता की नीलामी बोली से कितना फायदा होगा जबकि यह जरूरी है।
अडानी एंटरप्राइजेज को हवाई अड्डा का संचालन सौंपने से पहले ऑपरेशन और प्रबंधन के नियम लागू नहीं किया गया. जो बोलीदाता की परिचालन क्षमताओं को नापना अनिवार्य बताते हैं. अडानी इंटरप्राइजेज को ठेके पर दिए गए सभी 6 हाई अड्डे शहरों के बीच में है, और गैर व्यवमानिकी व्यवसायों से टैक्स प्राप्त करने की गुंजाइश अधिक है।
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इसके बावजूद मंत्रालय ने कोई बाध्यता नहीं रखी. बता दें कि इन 6 हवाई अड्डे क अलावा अन्य हवाई अड्डों को भी उसी तर्ज पर निजी हाथों में सौंपने की तैयारी हो रही है. जिस तरह अडानी को 6 हवाई अड्डे दे दिए गए. PM मोदी सरकारी संस्थाओ को एक के बाद एक निजी हाथों में बेचते जा रहे हैं. इन सौदौ में वह कानूनों को भी अपने सुविधानसार तोड़ मरोड़ रहे हैं।
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