बिहार विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों ने अपनी जीत हासिल करने के लिए चुनावी बिगुल फूंक दिया है। जिसके बाद विधानसभा क्षेत्रों में नेताओं का आना जाना लगा है, इसी दौरान कई नेताओं को जनता के आक्रोश का भारी सामना भी करना पड़ रहा है। जिसके कारण कई नेताओं को अपनी रैलियों को छोड़ बैरंग ही लौटना पड़ रहा है।
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जनता का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद 5 साल तक ना देखने वाले नेता चुनाव आते ही बड़े बड़े खोखले वादे लेकर चले आते हैं, और फिर जीतने के बाद 5 सालों तक गायब हो जाते हैं। प्रदेश के युवाओं में यह आक्रोश और भी ज्यादा देखा जा सकता है। युवाओं में यह आक्रोश बेरोजगारी और शिक्षा को लेकर है।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अब भोजपुर में भी चुनाव प्रचार का दौर तेजी से चलने लगा, वहीं अब तक प्रचार और चुनावी रैलियों से दूर रहने वाले भोजपुर के भाजपा सांसद आरके सिंह भाजपा प्रत्याशी राघवेंद्र प्रताप सिंह के पक्ष में बड़हरा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने के लिए अपने काफिले के साथ निकले।
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जब इसकी सूचना स्थानीय लोगों को मिली लौहर फरना गांव में भारी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए। इसके बाद मंत्री आरके सिंह के काफिले को देखते ही ग्रामीणों ने काले झंडे दिखाना शुरू कर दिए और मुर्दाबाद और वापस जाओ के नारे लगाने लगे। इस दौरान ग्रामीणों ने काफिले में शामिल कई गाड़ियों को भी रोक लिया। और जमकर नारेबाजी और हंगामा कर विरोध जताने लगे।
इस दौरान भारी संख्या में एकत्रित ग्रामीणों ने भाजपा सांसद और कैबिनेट मंत्री आरके सिंह का न केवल विरोध किया, बल्कि उनके काफीलो में शामिल गाड़ियों पर पत्थर से हमला भी किया। इस दौरान कई गाड़ियों के शीशे टूट भी गए।
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