आोडिशा के आदिवासी बहुल जिले मयूरभंज में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना देखने को मिली जहां बीमारी बच्ची को एंबुलेंस में छोड़ 90 मिनट तक ड्राइवर लंच करता रहा जिसके कारण सही समय पर इलाज न मिलने के कारण बच्ची की तड़प तड़प कर मौत हो गई।
दरअसल निरंजन बहेरा और गीता बहेरा के बेटे को डायरिया की शिकायत के बाद रविवार को बारिपदा शहर के पीआरएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, बच्चे की हालत गंभीर होने के चलते अस्पताल प्रशासन ने सोमवार को बच्चे को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेफर कर दिया। इसके तुरंत बाद बच्चे के माता-पिता 108 एंबुलेंस से पीआरएम मेडिकल कॉलेस और अस्पताल से निकल गया।
रास्ते में एंबुलेंस चालक और फार्मासिस्ट ने सड़क किनारे ढाबे पर एक घंटे से ज्यादा समय का लंच ब्रेक लिया। माता पिता ने एंबुलेंस चालक को कईं बार चलने के लिए कहा लेकिन उसने एक न सुनी। सही समय पर इलाज न मिलने के कारण बच्चे की हालत काफी गंभीर हो रही थी। इसके बाद बारिपदा से 10 किलोमीटर दूर जाने पर कृष्णचंद्रपुर में बच्चे की तबीयत काफी बिगड़ गई। बच्चे को कृष्णचंद्रपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां डक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौके पर पुलिस ने एंबुलेंस चालक और फार्मासिस्ट के खिलाफ मामला दर्ज लिया है।