मोदी सरकार ने हाल ही में लोकसभा में पारित पेशी विधायकों के खिलाफ किसानों का आंदोलन और तेज होने की आसार है 100 से ज्यादा किसान संगठनों के साझा मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति ने 25 सितंबर को भारत बंद का आह्ववान किया है किया है।

इसके साथ ही 28 सितंबर को भगत सिंह की जयंती पर प्रदर्शनकरने और जिस दिन की किसान विरोधी कानूनों पर समर्पित करने का कार्यक्रम बनाया है किसानों को इस बात का मलाल है लोकसभा में कृषि अध्याय देशों को नहीं रोक सके लेकिन सभी दलों के सांसदों से उनकी अपील है कि इसे राज्यसभा में पास ना होने दें अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के महासचिव अविक साहा ने इसकी जानकारी दें।

स्वराज इंडिया के आशुतोष के मुताबिक किसानों ने लामबंदी तेज है और अगली रणनीति को अमल में लाने व किसानों के हितकारी अध्यादेश को कानून बनाने से रोकने के लिए कई प्रस्ताव समिति ने अपनी कार्यकारिणी में पास किया है समिति ने कहा है कि इसे लेकर देशव्यापी स्वभाव का दौर फिर शुरू हो गए हैं।

समन्वय समिति के नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार करोना को बहाना बनाकर अपने किसान विरोधी है कारपोरेट पक्षधर निर्णय पर किसान के विरोध को रोकने का प्रयास कर रही है लेकिन मैंने कृषि कानून के खिलाफ पहले से ज्यादा मजबूत से विरोध दर्ज कराएंगे।

आविक साहा के मुताबिक हरियाणा खट्टर सरकार ने शक्ति पर किसानों पर बल प्रयोग किया इस पर भी देशव्यापी सलाम मशविरा किया गया समिति ने सरकार को चेतावनी दी है कि या तो वह इन सभी किसान विरोधी कदमों को वापस ले या किसानों के गुस्से का सम्मान करेंकिसान नेताओं ने बताया कि कृषि अध्यादेश लोकसभा से पास कर दिया गया है लेकिन इसे किसी हाल में कानून नहीं बनने दिया जाएगा सरकार को यह कदम वापस लेना ही होगा उन्हें कहा कि या कानून पूर्ण रूप से कियान विरोधी है।

आवश्यक वस्तुओं का अध्यादेश अनाज दलहन तिलहन आलू प्याज और व्यापार प्रतिबंधों व कीमती नियंत्रण से मुक्त कर आता है दूसरा मंडी समितियों का अध्यादेश कंपनियों ठेकेदार व सूदखोरों द्वारा किसान से सीधा खरीद करने की असीमित अनुमति देती है।

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