भारत कितना आर्थिक तौर पर गिर चुका है इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है। नरेन्द्र मोदी: अब तक के सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले प्रधानमंत्री हैं। ये कांग्रेसियों या वामपंथियों के IT सेल की रिपोर्ट नहीं, बल्कि विश्व बैंक की रिपोर्ट है जो World Bank की Official Website पर उपलब्ध है। सोशल मीडिया पर यह मिथ्या ख़बर पिछले 4 महीनों से फैलाई जा रही है कि हमारी सरकार बिना विश्व बैंक से लोन लिए ऐतिहासिक विकास कर रही हैं।ये सिर्फ दलाल मिडिया और बीजेपी नेताओं ने ही फ़ैला रखी है लेकिन सच्चाई यह है कि देश काफी पिछड़ गया है।

भारत में बेरोजगारी और भुखमरी पुरे दुनिया के मुकाबले सबसे ज्यादा है और ये आंकड़े 2014 से तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन हमारे देश में झूठ बोलने वाले का ही बोलबाला है और ये भ्रम से बाहर आकर यह जानने का वक़्त है, कि नरेन्द्र मोदी अब तक के सबसे ज्यादा विदेशी कर्ज लेने वाले प्रधानमंत्री हैं।

बीजेपी आईटी सेल के द्वारा फैलाये गए भ्रामक ख़बरों के आधार पर प्रधानमंत्री समर्थकों द्वारा बुलंद आवाज में सामान्य लोगों के बीच इस भ्रम को और भी विस्तार से फैलाया जाता रहा है कि प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने शासन की बागडोर संभालने के बाद से वर्ष 2015, 2016 एवं 2017 तक विश्व बैंक से एक रुपये का भी कर्ज नहीं लिया है।

सोशल मीडिया पर यह ख़बर पिछले कई सालों से फैलाई जा रही है कि हमारी सरकार बिना विश्व बैंक से लोन लिए ऐतिहासिक विकास कर रही है। लेकिन हकीकत ये है कि भारत जैसे अर्थव्यस्था का पूर्णतः स्वाबलंबी हो पाना असंभव है, खासकर ऐसी स्थिति में जब डालर के मुकाबले रुपये के मूल्य निरंतर गिरते रहे हैं।

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