भारत और चीन की सीमा पर तनाव बना हुआ है रविवार को मोदी ने मन की बात की थी लेकिन मन की बात में की बात में उन्होंने एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया. ऐसा क्यों ? गहलोत ने कहा कि अमित शाह को फुर्सत ही नहीं है. इस कोरोना के समय में भी वह इसी काम में लगे रहते हैं कि किस सरकार को गिराना है और किसकी सरकार को उठाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण अच्छा देते हैं, मगर भाषण से पेट नहीं भरता है.

गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से ही भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है. इस बीच अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. अशोक गहलोत ने पूछा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंह से चीन शब्द क्यों नहीं निकलता है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भारत सुपर पावर है, मगर देश के प्रधानमंत्री चीन का नाम तक नहीं लेते हैं. यह जानते हुए कि चीन हमारे सिर पर आकर बैठा है, आखिर क्या वजह है कि प्रधानमंत्री के मुंह से चीन शब्द नहीं निकलता है. देश की सीमा पर जो हालात हैं, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताने चाहिए.

‘जनता की ओर से सवाल पूछता है विपक्ष’

अशोक गहलोत ने कहा कि विपक्ष का काम है कि जनता के सवाल को उठाए. जनता के सवाल उठाने का मतलब यह नहीं है कि हम चीन के मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नहीं है. पूरा मुल्क उनके साथ है. मगर विपक्ष को यह सवाल पूछने का हक है क्योंकि जनता जानना चाहती है कि सीमा पर आखिर क्या हो रहा है.

अशोक गहलोत ने कहा कि सच सबके सामने आना चाहिए. आखिर क्या वजह है कि कोविड-19 संकट में भी सीमा पर समस्या बनी हुई है. 1967 में इंदिरा गांधी ने चीन को क्या जवाब दिया था, यह मुल्क जानता है. 1962 में हमारे पास संसाधन नहीं थे लेकिन उस दिन के बाद 1967 में हमारे सैनिकों ने 400 चीनी सैनिकों को मारा. उसके बाद चीन की हिम्मत नहीं हुई कि हमारी तरफ आंख उठाकर देखे.

अमित शाह पर भी निशाना

गहलोत ने कहा कि भारत ने तिब्बत के लोगों को अपने यहां शरण दी, चीन की परवाह नहीं की. इंदिरा गांधी ने सिक्किम को भारत में मिला लिया और चीन की परवाह नहीं की. यह सब तो हमने अपनी आंखों के सामने देखा है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जब सवाल पूछते हैं तो गृहमंत्री अमित शाह को कुछ न कुछ बोलना होता है, इसलिए बोल देते हैं.

गहलोत ने कहा कि अमित शाह को फुर्सत ही नहीं है. इस कोरोना के समय में भी वह इसी काम में लगे रहते हैं कि किस सरकार को गिराना है और किसकी सरकार को उठाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण अच्छा देते हैं, मगर भाषण से पेट नहीं भरता है.

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