नई दिल्ली: सरकार रेलवे की सहायक कंपनी आईआरसीटीसी 15 से 20 फ़ीसदी बेचने की तैयारी में है, IRCTC में यह यह हिस्सेदारी ऑफर फॉर सेल के जरिए बेची जाएगी अक्टूबर 2019 में सरकार ने आईआरसीटीसी का आईपीओ लांच किया था जिसके बाद कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 87.40% रह गई थी.
सरकार इस कंपनी में 75 फीसदी हिस्सेदारी कम करने जा रही है ताकि सीबी का नियमों का अनुपालन हो सके आईपीओ के जरिए सरकार ने करीब 645 करोड़ जमा किए थे और 12.6 फीसदी हिस्सेदारी बेच दिया थे मोदी सरकार ने बीते वर्ष में विनिवेश के जरिए 2.1 लाख करोड़ रुपए की पूंजी जुटाने फैसला लिया है आई आर सीटीसी में हिस्सेदारी बेचने उसी रणनीति का हिस्सा है.
सरकार इसी तरीके से कई कंपनियों को निजी करण करने का फैसला लिया है जिसमें एलआईसी जिसकी सरकार के पास पहले 100 फ़ीसदी हिस्सेदारी थी अब उसमें से भी सरकार 25 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेच रही है।
सरकार के निजीकरण के अजंडे में आई आर सी टी सी सबसे ऊपर है आईआरसीटीसी कंपनी पर पूरी तरीके से भारतीय रेलवे का अधिकार है जिसके पास टूरिज्म कैंटीन ऑनलाइन टिकट बुकिंग और सील बंद बोतल पानी बेचने के एक्सक्लूसिव राइट हैं.
जानते हैं आखिर आईपीओ(IPO) है क्या?
जब एक कंपनी अपने सामान्य स्टॉक या शेयर को पहली बार जनता के लिए जारी करता है तो उसे आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफ फ्रेम सार्वजनिक प्रस्ताव कहते हैं लिमिटेड कंपनियों के द्वारा आईपीओ इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सके शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीद शेयर बाजार में हो सकेगी.
सरकार को आईपीओ (IPO) लाने का कारण
जब किसी कंपनी को अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होती है तो वह आईपीओ जारी करती है यह आईपीओ कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय आईपीओ से पैसा जुटाना कंपनी ज्यादा बेहतर समझती है. किसी भी कंपनी के विस्तार योजना होती है शेयर बाजार में सूचीबद्ध के बाद कंपनी अपने शेयरों को अन्य योजनाओं में लगा सकती है।
आपको पता होगा कि सरकार ने 2.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने के लिए पीएसयू कंपनियों के निजी करण से 1.2 लाख करोड़ रुपए हासिल करने और एलआईसी आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी बेचकर 90 हजार करोड़ रुपए हासिल करने का लक्ष्य तय किया है.
पिछले महीने ही डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसिड मैनेजमेंट ने मर्चेंट बैंकर से सेल प्रक्रिया को मैनेज करने के लिए बोलियां आमंत्रित की थी जिसकी आखिरी दिनांक 10 सितंबर है.
भारतीय रेल की एक और सहायक कंपनी इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड का भी आईपीओ लाने का प्लान कर रही है सरकार ने एलआईसी जीवन बीमा निगम की भी 25 फेसदी परी आईपीओ के जरिए सरकार बेचने की तैयारी में है
इससे पहले मोदी सरकार ने कंपनी में 10 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया था लेकिन अब वह बढ़कर 25 फ़ीसदी तक आ गया है एलआईसी को बेचने की रणनीति मोदी सरकार की जोरों शोरों पर है मोदी सरकार पहली चरण में 10 फ़ीसदी ही एलआईसी की हिस्सेदारी बेचेगी उसके बाद बच्चे हिस्सेदारी को कई चरणों में बेचेगी।