क्रूड की कीमत है चाहे कितनी भी कम हो जाए लेकिन देशवासियों को पेट्रोल डीजल की महंगाई से राहत नहीं मिलेगी यानी जिन लोगों के पास वाहन है उन्हें भविष्य में भी महंगा डीजल पेट्रोल लेना होगा सरकार पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी कर रही है।

स्वास्थ्य मुसीबत की वजह से अर्थव्यवस्था में काफी उथल-पुथल मची हुई है महंगाई भी लोगों को परेशान कर रही है अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल यानी क्रूड ऑयल की कीमतें तेजी से नीचे आई लेकिन देश में पेट्रोल डीजल के दाम शहर से गए हैं ।

सरकार ने यह ठान लिया है कि क्रूड ऑयल की कीमतें चाहे जितनी भी कम हो जाए लेकिन जनता को उनकी तरफ से कोई राहत नहीं मिलेगी यानी सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं करेगी और सरकार की नीति भविष्य के लिए भी कुछ ऐसी ही है क्योंकि केंद्र सरकार एक बार फिर से पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी कर रही है।

मई 2014 में पेट्रोल पर कुल टैक्स ₹9.48 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर ₹3.56 पैसे प्रति लीटर था तब से लेकर आज तक पर टैक्स बढ़कर 32.98 पैसे प्रति लीटरडीजल पर टेक्स्ट ₹31.83 पैसे प्रति लीटर हो चुका है यानी केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार टैक्स बढ़ाए जाने से ग्राहकों को सस्ते दाम पर तेल मिलने की सभी संभावनाएं खत्म हो रही है बल्कि उन्हें पेट्रोल और डीजल के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है ।

आइए जानते हैं पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स और कमीशन के बारे में क्रूड ऑयल की फैक्ट्री कीमत ₹25 32 पैसे भाड़ा व अन्य खर्चे 36 पैसे एक्साइज ड्यूटी ₹32 98 पैसे डीलर का कमीशन ₹3 69 पैसे डीलर के कमीशन के साथ बैठ ₹18 71 पैसे रिपोर्ट के मुताबिक अब इस पर 3 से ₹6 प्रति लीटर तक एक्साइज ड्यूटी बढ़ सकती है।

माना जा रहा है कि कच्चे तेल के दाम गिरने के बाद जितना पेट्रोल डीजल सस्ता होना चाहिए था अब वह नहीं होगा वही टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक स्वास्थ्य मुसीबत की वजह से अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से निपटने के लिए सरकार तीसरे राहत पैकेज की तैयारी कर रही है ऐसे में सरकार को ज्यादा फंड की जरूरत है लिहाजा सरकार इसकी पूर्ति एक्साइज ड्यूटी से करना चाहती है यानी सरकार जनता के पैसों से जनता को राहत देने की तैयारी में है।

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