देशभर में मजदूरों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने के बावजूद हजारों मजदूर अभी भी जहां तहां फंसे हैं. ऐसे मुश्किल हालात में मजदूरों का सब्र जवाब देने लगा है, नतीजतन कई जगहों से हंगामे और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आने लगी हैं. गुजरात के वलसाड में प्रवासी मजदूरों का आक्रोश सड़क पर फूटा. वलसाड के उमरगांव में प्रवासी मजदूरों आपा खोने लगे हैं. उनका धैर्य जवाब देने लगा है. उनकी जुबां से नाराजगी बरसने लगी है. वो सोशल डिस्टेंसिंग के नियम-कायदे की धज्जियां उड़ाने से भी नहीं चूक रहे. जगह-जगह ऐसे हीं मजदूर अपना गुस्सा दिखा रहे हैं.

गुजरात के राजकोट में भी यूपी और बिहार के प्रवासी मजदूरों ने खूब उत्पात मचाया। दरअसल ये सभी राज्य सरकारों के दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें कैंसल करने के फैसले के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। इस दौरान इन्होंने शहर के शापर इलाके में कार-बाइक में तोड़फोड़ की। साथ ही एक टीवी चैनल के रिपोर्टर को जमीन पर लिटाकर पीटा।

वीडियो में साफ सुनाई दे रहा है कि प्रवासी मजदूर गाली बकते नजर आ रहे हैं यहां तक एक आदमी ने कहा रुक जाओ रुक जाओ यह मीडिया वाला है फिर एक लड़के ने गाली देते हुए कहा मीडिया वाले हो चाहे कोई भी हो मारो सब को मारो

सरकार के तरफ से कोई इंतजाम ना होने पर मजदुर पैदल ही अपने घरों कि ओर जाने का फैसला किया। इस बीच बहुत से मजदुर कई हादसों के शिकार हुए और कितने मजदूरों की जान भी चली गयी। इसके बाद कई राज्य के सरकारों ने मजदूरों के पैदल, साईकिल पर, या ट्रकों से जाने पर रोक लगा दिया। इसके बाद मजदूरों ने अपनी घर जाने की मांग को तेज कर दिया और कई जगहों पर तोड़फोड़ भी की

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