मणिपुर में भी भाजपा के लिए सियासी संकट पैदा हो गया है। उसके तीन विधायक पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इसके अलावा सत्तारूढ़ दल एनपीपी के चार विधायकों ने मंत्रीपद छोड़ दिया है

भाजपा के विधायक एस सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप व सैम्युल जेन्दई ने इस्तीफा दे दिया है। जबकि एनपीपी के वाई जॉयकुमार सिंह, एन कायिसी, एल जयंत कुमार सिंह और लेतपाओ हाओकिप ने मंत्री पद छोड़ दिया है। यही नहीं तृणमूल कांग्रेस के टी रोबिंद्रो सिंह और स्वतंत्र विधायक शाहबुद्दीन ने भी भाजपा से समर्थन वापस ले लिया है।  

2017  के विधानसभा चुनाव में मणिपुर की जनता ने किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत नहीं दिया था। राज्य की कुल 60 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। भाजपा के खाते में 21 सीटे गई थीं। नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को चार-चार सीटें मिली थीं। लोकजनशक्ति पार्टी और तृणमूल कांग्रेस को एक-एक और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here