त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट का मैनेजमेंट और ऑपरेशन का ठेका अडानी ग्रुप को सौंपे जाने का केरल सरकार ने विरोध किया है। राज्य सरकार ने कहा है कि निजी कंपनी को यह ठेका दिया जाना नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से 2013 में दिलाए गए भरोसे के खिलाफ है। तब केंद्रीय मंत्रालय ने कहा था कि जब भी निजी कंपनी को इसका ठेका दिया जाएगा तो एयरपोर्ट के विकास में राज्य सरकार के योगदान का भी ख्याल किया जाएगा। केरल सरकार ने कहा कि इस एकतरफा फैसले के चलते राज्य सरकार सहयोग नहीं कर पाएगी।

केरल के सीएम पिनराई विजयन की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में दखल देने की मांग की गई है। सीएम ने अपने पत्र में याद दिलाया है कि 7 साल पहले उड्डयन मंत्रालय ने आश्वासन दिया था कि जब किसी प्राइवेट कंपनी को शामिल किया जाएगा तो राज्य सरकार के योगदान का भी ध्यान रखा जाएगा। केरल सरकार की ओर से कई बार केंद्र सरकार से यह मांग की गई थी कि त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट को स्पेशल पर्पज वीकल के तहत चलाया जाना चाहिए, जिसमें राज्य सरकार का बड़ा दखल होना चाहिए।

सीएम विजयन ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को हवाई अड्डा बनाने के लिए मुफ्त में ही 23.57 एकड़ जमीन ट्रांसफर की थी। ऐसे में स्पेशल पर्पज वीकल के तहत होने वाले मैनेजमेंट में राज्य सरकार को भी बड़ी हिस्सेदारी दी जानी चाहिए थी।

यही नहीं राज्य की वामपंथी सरकार ने कहा कि प्रदेश के पास एयरपोर्ट के प्रबंधन का अच्छा अनुभव है। सीएम ने अपन पत्र में लिखा कि राज्य सरकार पहले से ही कन्नूर और कोच्चि एयरपोर्ट का मैनेजमेंट संभालती रही है। विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह फैसले ऐसे वक्त में लिया है, जब केरल हाई कोर्ट इस संबंध में याचिका की सुनवाई पर विचार कर रहा है।

अडानी ग्रुप को मिला है तीन हवाई अड्डों का ठेका: बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में जयपुर, गुवाहाटी और तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट्स के मैनेजमेंट, ऑपरेशन और डिवेलपमेंट का ठेका अडानी ग्रुप को देने पर मुहर लगाई गई थी। अडानी ग्रुप को 50 साल के लिए हवाई अड्डों का ठेका दिया गया है।

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