पूर्व की रघुवर दास की सरकार में लगभग 1500 करोड़ रुपये का टेंडर कर ऐसे संवेदक को कार्य आवंटन कर दिया गया, जिसका उदाहरण आज सामने है।

करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए झारखंड विधानसभा के नए भवन में स्थित लाइब्रेरी का फॉल्स सीलिंग शुक्रवार को अचानक गिर गया। मौके पर लाइब्रेरी में किसी व्यक्ति के ना होने की वजह से बड़ा हादसा तो टल गया। लेकिन, जहां पर सीलिंग गिरा वहां नीचे रखा फर्नीचर काफी क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे की सूचना मिलने के बाद लाइब्रेरी को सील कर दिया गया है। वहां किसी के भी आने जाने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।

घटना के बारे में पूछे जाने पर झारखंड विधानसभा के सचिव महेंद्र प्रसाद ने इस बात की पुष्टि की कि लाइब्रेरी का सीलिंग गिरा है। उन्होंने कहा कि इस घटना की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव और भवन निर्माण सचिव को नए सिरे से पूरे भवन की जांच कराकर जो भी कमियां हो उसे दूर कराने के लिए निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया जांच के दौरान आई कमी को दुरुस्त करने के बाद विधानसभा भवन ठीक हो जाएगा। बताया जा रहा है कि हाल के दिनों में लगातार हो रही बारिश के रिसाव की वजह से ही लाइब्रेरी का सीलिंग नीचे गिरा है। यह खतरा दूसरे कमरों में भी हो सकता है। इसी वजह से सचिव ने जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

आठ महीने पहले वेस्ट विंग के फर्स्ट और सेकंड फ्लोर पर लगी थी आग
आठ महीने पहले झारखंड के नई विधानसभा भवन में वेस्ट विंग में आग से फर्स्ट फ्लोर और सेकेंड फ्लोर पर आग लग गई थी। जहां आग लगी थी वहां बैंक, पोस्ट ऑफिस, विपक्ष के सदस्यों के बैठने की जगह और सभापति का कक्ष था। आग से चारों जगहों में रखे कुर्सी टेबल, फाल्स सिलिंग समेत अन्य सभी फर्नीशिंग जलकर राख हो गए था। आग इतनी ज्यादा थी कि दमकल की 10 गाड़ियों ने तीन घंटे में आग पर काबू पाया था। 50 से अधिक दमकलकर्मी आग बुझाने में लगे हुए थे।

लगभग 465 करोड़ है निर्माण व इंटीरियर लागत
अलग राज्य बनने के 19 साल बाद 2019 में झारखंड को अपना नया विधानसभा भवन मिला है। विधानसभा भवन के निर्माण का काम 290 करोड़ में मेसर्स रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को मिला था। उसके बाद स्ट्रक्चर व फर्निशिंग आइटम में तब्दीली के बाद 75 करोड़ रुपए का दूसरा टेंडर भी किया गया है। बाद में खर्च बढ़कर 465 करोड़ तक पहुंच गया। नया विधानसभा भवन रांची के धुर्वा में 39 एकड़ में बना है। तीन मंजिला विधानसभा भवन देश की पहली पेपरलेस विधानसभा है। इसमें जल और ऊर्जा संरक्षण की व्यवस्था है। छत पर झारखंडी संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है। यहां आने वाले आगंतुकों के लिए गैलरी बनाई गई है।

19 साल से किराए के भवन में चल रहा था झारखंड विधानसभा
राज्य में 14 वर्ष तक राजनीतिक अस्थिरता रहने के कारण झारखंड को अपना विधानसभा भवन नहीं मिल पाया था। अलग राज्य निर्माण के बाद 19 साल तक झारखंड विधानसभा किराए के भवन में चल रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले नए भवन का उद्घाटन किया था।

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