वैसे तो राजनीति पहले कभी इतने निम्न स्तर तक नहीं पहुँची थी, पर हाँ इक्की-दुक्की घटनाएं ऐसी होती थी जिससे राजनीतिक गरिमा को ठेस पहुंचता था। लेकिन आज के राजनीतिक दौर के अमर्यादित बयानों को सुनते हैं तो लगता है कि तब की अमर्यादित भाषा इतनी भी अमर्यादित नहीं थी।  इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैसे पीछे रह सकते हैं वह तो कभी कभी भूल जाते हैं कि वह प्रधानमंत्री भी हैं अपने पद का उनको ख्याल नहीं रहता जोकि महिलाओं पर इतने निम्न स्तर की टिप्पणी करते हैं.

2012 में जब नरेंद्र मोदी एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे तो कांग्रेस के शशि थरूर की पत्नी सुनंदा थरूर के बारे में उन्होंने कहा था कि वाह क्या गर्लफ़्रेंड है, आपने कभी देखी है 50 करोड़ की गर्लफ़्रेंड? यह भाषा महिलाओं की मर्यादा के विपरीत वाली भाषा थी। तब पलटवार करते हुए शशि थरूर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा था, “मोदी जी मेरी पत्नी 50 करोड़ की नहीं बल्कि अनमोल है, लेकिन आप को यह समझ में नहीं आएगा क्योंकि आप किसी के प्यार के लायक नहीं हैं। यह विवाद उस समय सुर्ख़ियों में रहा था।

फिर एक घटना 2018 में में हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में आधार पर बयान दे रहे थे। इसी दौरान कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी हंसने लगीं. मुस्कुराते हुए नरेंद्र मोदी बोले, सभापति जी रेणुका जी को आप कुछ मत कहिए रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी सुनने का आज सौभाग्य मिला है। हद तो तब हो गई जब बाद में केंद्र सरकार में राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने फ़ेसबुक पर एक वीडियो शेयर कर रेणुका चौधरी की हंसी की तुलना रामायण के किरदार शूर्पणखा से कर डाली थी।

चार दिसंबर को जयपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘अब मैं आपसे कहना चाहता हूं कि ये, ये नामदार परेशान क्यों हैं. ये कांग्रेस वालों की नींद क्यों हराम हो गई. इसका कारण है कि मोदी जो एक-एक कदम उठा रहा है उनकी एक-एक दुकान बंद होती चली जा रही है. मुफ्त का माल खाने के जो रास्ते थे उसके फाटक बंद हो रहे हैं. ये परेशानी इसकी है. आप कल्पना कर सकते हो हमारे देश में कांग्रेस ने ऐसी सरकार चलाई, जो बेटी पैदा नहीं हुई, जिस बेटी का जन्म नहीं हुआ, वो कांग्रेस सरकारों के कागज पर, वो बेटी विधवा भी हो गई और बेटी को विधवा पेंशन भी मिलना शुरू हो गई. ये रुपए कौन-कौन विधवा थीं जो लेती थीं? ये कांग्रेस की कौन सी विधवा थी, जिसके खाते में रुपया जाता था?’

भाजपा आज कह रही है कि कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री के लिए अपशब्द कहते हैं. लेकिन वह ख़ुद कांग्रेस अध्यक्ष पर निजी और आपत्तिजनक हमले करती रही है. बीते 10-12 सालों में ऐसे मौक़े आए हैं जब भाजपा नेताओं ने सोनिया गांधी की राष्ट्रीयता और उनके रंग को लेकर बार-बार टिप्पणियां की हैं. उन्हें ‘जर्सी गाय’ और ‘इटली की गुड़िया’ बताया है. साल 2004 में लाल कृष्ण आडवाणी की ‘भारत उदय यात्रा’ के दौरान नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी को जर्सी गाय और राहुल गांधी को ‘हाइब्रिड बछड़ा’ बताया था. बाद में उन्होंने माफ़ी मांगी.

बड़ी बुरी बात है. राजनीति में इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए. विरोधियों के बारे में ऐसे शब्द नहीं बोलने चाहिए. जुबान से गंदगी उगलकर कौन सा विरोध होता है? हम मोदी जी के साथ हैं. मगर दिक्कत ये है कि आप कौन से मुंह से पवित्र बनने की कोशिश कर रहे हो. आपने भाषा की मर्यादा कब रखी थी.

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