लॉकडाउन में करोड़ो लोगो को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा. जिससे उनके घरों की आर्थिक स्थिति कभी बिगड़ गई. बहुत से परिवारों के सामने भरण पोषण की समस्या भी खड़ी हो गई. परंतु इसके बावजूद सरकार की तरफ से किसी प्रकार की सहायता नही मिला।

इसे भी पढ़ें : आगरा : 11 साल की मासूम से शराब पीकर दरिंदगी, चीखने पर आरोपी ने दबाया मुंह, थप्पड़ भी मारे

इसी बीच सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की छात्रों की फीस में बढ़ोतरी कर दी. जिससे अभिभावकों की मुश्किलें और भी बढ़ गई. अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन में पहले ही उनकी नौकरियां छीन चुकी है. ऐसे में बच्चों की बढ़ी फीस वो किस तरह देंगे, अभी तो उनके सामने अपने परिवार के भरण पोषण की भी समस्या खड़ी हो गई हैं.

अभिभावकों की मांग हैं कि उनकी समस्या को सरकार समझते हुए फीस को पूरी तरह मांफ कर दे. वही प्राइवेट स्कूलों पर अभिभावकों में मनमानी करने का आरोप भी लगाया. साथ मे अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए शिक्षा नियामक आयोग की मांग भी की है.

इसे भी पढ़ें : रघुराम राजन की मोदी सरकार को चेतावनी, GDP के आंकड़े अर्थव्यवस्था की बर्बादी का अलार्म

इन सभी मांगो को लेकर 11 अक्टूबर को अभिभावक जंतर मंतर पर मोदी पूजा तथा अनिश्चितकालीन धरना देंगे. इसके साथ ही अभिभावकों ने यह मांग की है जब तक स्कूल बंद थे तब की फीस लेने से स्कूलों को रोका जाए. क्योंकि स्कूलों के ट्रांसपोर्ट, बिजली, पानी, और अन्य खर्च हुए ही नहीं. तो फिर प्राइवेेेेट स्कूल किस किस बात का ले रहे हैं.

आपको बता दें कि सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं के छात्रों की फीस ₹1500 बढ़ा दी है. इसके साथ ही 15 अक्टूबर तक फीस जमा करना अनिवार्य कर दिया. यदि अभिभावक फीस 15 अक्टूबर के बाद जमा करेंगे तो उन्हें इसके लिए ₹2000 लेट फीस भी देना पड़ेगा.

इसे भी पढ़े : हाथरस की घटना को लेकर योगी सरकार पर बरसे राहुल गांधी, CM योगी से कि इस्तीफे की मांग

भारत अभिभावक संघ के अध्यक्ष प्रताप चंद्र ने अमर उजाला को बताया कि कोरोना के जिस संकट काल में लोगों की नौकरियां जा रही हैं, उनकी आय खत्म हो गई है, या बहुत कम हो गई है, ऐसे समय में सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं के छात्रों की फीस बढ़ाने का निर्णय लेकर अमानवीय कार्य किया है.

इसे भी पढ़ें : घटिया दवा दे रहा है गुजरात आयुष विभाग, CAG की रिपोर्ट ने गुजरात सरकार की खोली पोल

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here