लॉक डाउन की स्थिति में कई लोगों को भोजन भी नसीब नहीं हो पा रहा है दिहाड़ी मजदूरों की स्थिति तो काफी बदतर है| उन्होंने कहा हमें सबसे ज्यादा इस बात को समझने की जरूरत है कि लंबे समय तक भारत ऐसे हालात में नहीं रह सकता ऐसा चलता रहा तो एक समय ऐसा आएगा जब कोरोना से ज्यादा मौतें भूख के चलते हो जाएगी|
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉक डाउन को खोलने के लिए अब उद्योग जगत से आवाजें उठने लगी है| देश के दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने कहा कि यदि लॉक डाउन लंबा चला तो कोरोनावायरस से ज्यादा लोग भूख से मर जाएंगे| उन्होंने कहा कि देश को कोरोनावायरस के साथ ही काम शुरू करना होगा ऐसे लोगों को काम का मौका दिया जाना चाहिए जो काम कर सकते हैं|
इन दिनों कोरोना संक्रमण के दौरान लॉक डाउन की स्थिति में कई लोगों को भोजन भी नसीब नहीं हो पा रहा है दिहाड़ी मजदूरों की स्थिति तो काफी बदतर है| ऐसे में अहमदाबाद के सरदार नगर इलाके में कुछ लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए विरोध प्रदर्शन किया| इसमें कहा गया कि यह लोग कोरोना से नहीं बल्कि भूख से मर जाएंगे| सरदार नगर के झीलवास में शिव शक्ति नगर के झोपड़पट्टी में करीब ढाई हजार लोग रहते हैं इनमें से करीब 170 परिवारों को मदद की जरूरत है|
स्थानीय युवक तुषार देवड़ा ने बताया कि यहां पर ज्यादातर लोग बिहारी मजदूर करते हैं वहीं कुछ रिक्शा चलाकर वह अन्य काम कर अपना गुजारा करते हैं और हमारी कोरोनावायरस के कारण लाभ की स्थिति में उनकी आजीविका पूरी तरह से बंद हो गई है ऐसे में वह अब तक अपनी बची खुची कुछ रकम से भोजन पानी का गुजारा कर लेते थे| कुछ दिनों तक एनजीओ ने भी एक समय भोजन देकर खूब मदद की पड़ोस में किराने की दुकान से उधार में राशन लाकर अब तक काम चला लेकिन अब किराना दुकानदारों ने भी उठा देने से मना कर दिया अब कुछ भी नहीं बचा तरह के लोगों को मजबूरन करना पड़ा|
प्रवीण देवड़ा कहते हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ विरोध प्रदर्शन करते हुए हमने यह मांग रखी कि यह सभी कोरोना से नहीं बल्कि भूख से मर जाएंगे| प्रशासन की नजर पड़ने पर नजदीकी पुलिस अधिकारियों ने आकर विरोध शांत कराया और भोजन की किट प्रदान की लेकिन यह पर्याप्त नहीं है| तुषार कहते हैं कि सिर्फ चावल गेहूं देने से क्या होगा मिर्च और तेल व अन्य सामान होने पर वह भोजन बना सकते हैं इसलिए उनकी मांग है कि कम से कम उन्हें तेल मिर्च जरूरत का सामान भी मुहैया कराया जिससे उनका गुजारा चल सके|