2014 के बाद से अब तक सम्भवतः यह पहली बार ही है जब मोदी सरकार को लेकर विभिन्न समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों द्वारा कराये जा रहे सभी पोल्स मोदी सरकार के खिलाफ जा रहे हैं।

अहम बात यह है कि उन सभी प्लेटफॉर्म पर भी पोल्स मोदी सरकार और बीजेपी के खिलाफ जा रहे हैं जिन पर हमेशा बीजेपी और मोदी सरकार की तूती बोलती रही है। मामला लॉकडाउन (Lockdown) का हो, कोरोना संक्रमण (COVID-19) पर मोदी सरकार के कामकाज का हो या मोदी सरकार 2.0 (Modi 2.0) के एक साल के कामकाज का हो, मीडिया में आये लगभग सभी पोल औंधे मूंह गिर रहे हैं।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष के आंकलन के लिए रिपब्लिक टीवी (Republic TV) द्वारा किये गए पोल में पूछा गया कि मोदी सरकार 2.0 के एक साल के कार्यकाल में सरकार या विपक्ष किसने बेहतर काम किया।

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इसके जबाव में 1,98184 लोगों ने अपनी राय रखी। इसमें 43.1 फीसदी लोगों के मोदी सरकार के कामकाज के पक्ष में वहीँ 56.9 फीसदी लोगों ने विपक्ष के पक्ष में वोट किया। यह पोल 24 मई को कराया गया था।

 दैनिक जागरण (Dainik Jagran Opinion Poll) ने ट्विटर पर 29 मई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को लेकर पोल कराया। इसमें सवाल किया गया कि क्या आप मोदी सरकार 2.0 के काम काज से संतुष्ट हैं ?

इसके जबाव में 94,593 लोगों ने अपना वोट किया। इसमें 31.8 फीसदी लोगों ने कहा कि वे मोदी सरकार 2.0 के एक वर्ष के कामकाज से संतुष्ट हैं वहीं 66.3 ने कहा कि वे मोदी सरकार के एक साल के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। 1.9 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें पता नहीं है।

वहीँ कोरोना संक्रमण पर मोदी सरकार के कामकाज को लेकर इंडिया टीवी के सुशांत सिन्हा द्वारा ट्विटर पर कराया गया पोल भी औंधे मूंह गिर पड़ा। इस पोल में सवाल किया गया था कि अभी तक नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कैसा काम किया है?

इसके जबाव में 310,145 वोट पड़े। जिसमे 41 फीसदी लोगों ने मोदी सरकार के काम को अच्छा बताया, 11 फीसदी लोगों ने ठीकठाक वहीँ 41 फीसदी लोगों ने बहुत ख़राब और 7.3 फीसदी लोगों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मोदी सरकार के कामकाज को ख़राब बताया।

वहीँ अंग्रेजी अख़बार द्वारा कराये गए पोल में सवाल किया गया कि आप मोदी सरकार 2.0 के एक साल का कामकाज आपकी उम्मीदों पर खरा उतरा है ? इसके जबाव में 47 फीसदी लोगों के “हां” कहा वहीँ 51 फीसदी लोगों ने “न” कहा। जबकि 3 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें नहीं पता।

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