नई दिल्ली: मोदी सरकार के राज्य में महंगाई लगातार बढ़ रही है ऐसे में कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है क्या खाएं और क्या ना खाएं अब तो मुसीबत और बढ़ गई है क्योंकि थोक महंगाई दर के जो आंकड़े जारी हुए हैं उससे आम आदमी झटका लगा है. क्योंकि दवाइयों फल सब्जियों समेत कई चीजें महंगी हो गई है यानी आप की आमदनी अठन्नी है और खर्चा रुपया है.

मोदी सरकार कितना भी कहते रहे कि आने वाले समय में राहत मिलेगी लेकिन अभी तो लोग तरस्त्र हो रहे हैं जैसा कि एसबीआई SBI की रिपोर्ट से अनुमान लगाया जा रहा था कि दिसंबर तक महंगाई दर नीचे नहीं आएगी आज आंकड़े भी वैसे ही निराश करने वाले सामने आए हैं.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसके मुताबिक अगस्त में थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है अगस्त में थूक महंगाई दर बढ़कर 0.16% पर पहुंच गई जबकि जुलाई में -0.58% पर थी.

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केंद्र सरकार ने कहा थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रा स्थिति 4 महीने तक नेगेटिव रही लेकिन अगस्त में इसमें बढ़ोतरी हुई है सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में WPI -1.57% थी. मई में -3.37% तथा जून में -1.81% और जुलाई में -0.58% पर थी.

WPI दरबारों में सामान्य तौर पर कुछ समय वस्तुओं की थोक के कीमतों में उतार-चढ़ाव और महंगाई को दर्शाती है इस बढ़ोतरी से लोगों की जेब पर खासा असर पर है क्योंकि जुलाई की तुलना में अगस्त में खाद्य उत्पादक फल सब्जियां के साथ कई पदार्था चमड़े से संबंधित उत्पादों लकड़ी एवं लकड़ी के उत्पादों दवाइयां औषधि रसायन वनस्पति उत्पादों मेटल की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है.

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अगस्त के दौरान खाद्य वस्तुओं की मुद्रा ईस्विती 3.84% रही आलू की कीमतों में 82.93% की वृद्धि हुई वही सब्जियों की महंगाई दर 7.03 प्रतिशत रही.

मैन्युफैक्चर उत्पादों की महंगाई दर अगस्त में 1.27 प्रतिशत हो गई जो जुलाई में 0.51 प्रतिशत थी ऐसे ही आंकड़ों का अनदेखा एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में जताया था जिसमें कहा गया था कि खुदरा महंगाई दर दिसंबर के बाद नीचे आई थी.

सरकार की रिपोर्ट में बताया गया है कि महंगाई बढ़ने मुख्य कारण महामारी के वजह से सप्लाई चैन टूटना महंगाई बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है साथ ही सरकार की ओर से की गई भारी खरीद से भी कीमतें बढ़ी है अभी तो केवल अगस्त के आंकड़ों जारी हुए हैं जिसमें दवाई फल और सब्जियां सब महंगा हो चुका है. अब देखना होगा कि आने वाले समय में यह आंकड़ा कहां तक जाता है घरेलू सामान महंगे होंगे या इनकी कीमत में गिरावट आएगी।

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