BEGUSARAI : आपको बता दें कि बिहार के बेगूसराय जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप पूरी तरह से चौक जायेंगे. दरअसल शादी के बाद पुलिस ने दुल्हन को हिरासत में ले लिया है. वही इसके बाद 3 दिन तक उसे बेवजह जबरन थाने में कैद कर रखा गया है. ऐसा उस शख्स का कहना है, जिसकी बीवी को पुलिस ने उठाकर ले गई है. वही पति का ये आरोप है कि उसकी पत्नी को थाने से छोड़ा नहीं जा रहा है और न ही कोई अनुकूल जवाब दिया जा रहा है. इतना ही नहीं बल्कि नवविवाहिता को छोड़ने के लिए थानेदार द्वारा 1 लाख रुपये की घूस देने की भी मांग की जा रही है.
पूरा मामला बिहार के बेगूसराय जिले के बलिया थाने का है. बलिया नगर परिषद क्षेत्र के उपर टोला की एक महिला को बलिया थाना की टीम जबरन 3 दिनों से थाने में कैद कर के रखी है. महिला के पति ने यह आरोप लगाया है. बताया ये भी जा रहा है कि इस्तियाक अहमद के बेटे मो.सोनू अहमद (25) ने अपनी प्रेमिका नजमुन निशा (22) से बीते 24 जून को लव मैरिज की. नजमुन निशा धनबाद जिले के लोयावाद थाना क्षेत्र के सेंद्रा मदनाडीह के रहने वाले मो.मुंसफ की बेटी बताई जा रही है.
वही मो.सोनू अहमद का इस पूरे मामले में कहना है कि उसकी पत्नी को बलिया थाना की पुलिस 25 जून से जबरन थाने में कैद कर के रखी हुई है. उसने आगे बताया कि 24 जून को दोनों ने मुस्लिम रितिरिवाज के अनुसार निकाह किया. निकाह के समय दोनों बालिग हैं. इसके बावजूद भी निकाह के एक दिन बाद ही 25 जून को पति सोनू अहमद के घर से शाम में बलिया थाने के पुलिस ने बिना केस मुकदमा के ही उसकी पत्नी नजमून निशा को पकड़ कर थाने ले आई.
बता दे कि जब महिला के पति सोनू अहमद के द्वारा पुलिस से पूछा गया कि उनकी पत्नी को बिना किसी केस मुकदमा के अखिर क्यों गिरफ्तार किया गया है तो फिर पुलिस ने कोई भी माकूल जवाब नहीं दिया. पुलिस के इस पूरे रवैये के बाद सोनू अहमद 3 दिन बीत जाने के बाद अपनी पत्नी की रिहाई के लिए बलिया थाने में धरना पर बैठ गया और साथ ही पत्नी के रिहाई के मांग करने लगा. लेकिन थानाध्यक्ष ने के सामने उसकी एक न चली और साथ ही उसकी पत्नी को रिहा करने से भी इनकार कर दिया.
बता दे कि पति सोनू अहमद ने मिडिया को बताया है कि उसकी पत्नी को घर से गिरफ्तार कर थाने लाने वाले एएसआई इम्तियाज झंकार ने पत्नी को छोड़ने के लिए रुपए की भी मांग की है . जब हमने रूपया देने से इंकार कर दिया तो पत्नी को जबरन थाने तीन दिनों से जबरन कैद किए हुए है. और उसे छोड़ नहीं रहा है. और न ही पुलिसवाले कोई भी जवाब दे रहे हैं.
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कानून के जानकर अधिवक्ता एस.ई अहमद ने इस मामले पर बताया कि बिना एफआईआर के किसी भी व्यक्ति को तीन दिनों तक थाने में नहीं रख सकते हैं. अगर लड़की के परिजन के द्वारा भी कोई एफआईआर भी होता तो उसे अब तक 164 के बयान के लिए न्यायालय में पेश किया जाता. लेकिन थानाध्यक्ष बिना एफआईआर दर्ज किये 3 दिनों तक थाने में कैद कर के रखे हैं. ये बिलकुल गैर कानूनी है

इस पूरे मामले में बलिया के थानाध्यक्ष ने कुछ भी बताने से साफ़ तौर पर इनकार कर दिया. फोन पर हुई बातचीत में बलिया के थानेदार ने बीच में ही कॉल को अपनी ओर से डिसकनेक्ट कर दिया. जब इस मामले को लेकर बेगूसराय के एसपी अवकाश कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनकी ओर से भी कोई जवाब नहीं मिला.
वही एसपी ऑफिस में पुलिस कंट्रोल रूम में इस मामले की सूचना दी गई है. कंट्रोल रूम से ऑपरेटर ने कहा है कि एसपी साहब फिल्ड में गए हैं. थोड़ी देर में कार्यालय पहुंचेंगे. उनके ऑफिस आने के बाद इस घटना की सूचना पुलिस कप्तान को दी जाएगी.