आमिर खान तुर्की जाये तो देशद्रोही, और जो बिना बुलाए बिरयानी खाने पाकिस्तान जाये वो देशभक्त ?

तुर्की के राष्ट्रपति की पत्नी ने बॉलिवुड अभिनेता आमिर खान के साथ मुलाकात की तस्वीरें ट्वीट कीं। इस ट्वीट के बाद आमिर खान की सोशल मीडिया पर फजीहत शुरू हो गई। किसी ने उन्हें हिंदू विरोधी तो किसी ने उन्हें भारत विरोधी बताया। लोगों ने उनकी फिल्मों और पिछले बयानों का हवाला देकर खूब निशाना साधा। तो सवाल यह उठता है कि आमिर खान के तुर्की जाने से वे हिंदू विरोधी या फिर गद्दार हो गए हैं, तो फिर नरेंद्र मोदी क्या है दिसंबर 2015 में नरेंद्र मोदी ने बिना किसी निर्धारित कार्यक्रम के पाकिस्तान पहुंच गए पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ की मां के पैर भी छुए तो क्या तब नरेंद्र मोदी हिंदू विरोधी नहीं हुए ?

यात्रा की कोई औपचारिक घोषणा नहीं उनकी इस यात्रा के बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई थी यहां तक कि मीडिया को भी इसकी भनक नहीं लगी यह दौरा महज कुछ घंटों का होगा। चीन और पाकिस्तान को लाल आंख दिखाने वाले नरेंद्र मोदी उन पर आरोप लगते रहे हैं कि वह बिन बुलाए पाकिस्तान बिरयानी खाने गए थे उन्होंने नवाज शरीफ को जन्मदिन की बधाई भी दी थी।

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी साल 2015 में पाकिस्तान बिरयानी खाने गए थे. प्रधानमंत्री के उस बयान पर कि कांग्रेस के जीतने पर पाकिस्तान के लोग खुश होंगे, प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा कि यह ‘उनकी राय’ है. उन्होंने 2015 में पीएम मोदी (PM Modi) और उनके समकक्ष नवाज शरीफ की मुलाकात का हवाला देते हुए कहा, ‘वे पाकिस्तान में बिरयानी खाने गए थे’

निशाने पर आए आमिर
बहरहाल, तुर्की के राष्ट्रपति की पत्नी से आमिर खान की मुलाकात को उनके पहले के बयान से जोड़ते हुए उन्हें देशविरोधी ठहराया जा रहा है। आमिर ने नवंबर 2015 में कहा था कि उनकी पत्नी किरण राव ने देश में बढ़ती असहिष्णुता की भावना से डरी हुई हैं। इस बयान पर भी खूब बवाल मचा था। अब जब आमिर अपनी ‘फिल्म लाल सिंह चड्ढा (Laal Singh Chaddha)’ की शूटिंग के लिए तुर्की गए तो एक और विवाद पैदा हो गया है।


मधेपुरा से पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा तुर्की के राष्ट्रपति की पत्नी से मिलने भर से अगर किसी को देशद्रोही कहा जा सकता है तो बिना बुलाए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के यहां बिरयानी की दावत उड़ाने वाले को क्या कहा जाना चाहिए ?

दरअसल, तुर्की ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर भारत का पुरजोर विरोध किया। तुर्की उन गिनेचुने देशों में शामिल है जो इस मुद्दे पर खुलकर पाकिस्तान का साथ दे रहा है। इतना ही नहीं वह भारत के विरोध में पाकिस्तान के हर ऐक्शन को सपॉर्ट करता है। इसी महीने की शुरुआत में ईद-उल-अजहा के मौके पर उन्होंने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री इमरान खान से बात करते हुए राष्ट्रपति रेजप तय्यब एर्दोआं (Recep Tayyip Erdogan) ने कश्मीर पर तुर्की के समर्थन का आश्वासन दिया। एर्दोआं ने फिर से कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से कर दी और कहा कि भारत कोरोना काल में भी कश्मीर में अत्याचार कर रहा है।

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