दुनिया भर में कोरोना का कहर बरपा हुआ है जिसके चलते तमाम बड़े बड़े आयोजन स्थगित किए जा रहे हैं लेकिन बिहार के अधिकतर नेताओं को ऐसे वक्त में भी सिर्फ और सिर्फ राजनीति सूझ रही है। तभी तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हों या फिर भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व, बिहार में वर्चुअल रैलियों पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।

भले ही उसी बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी हो, भले ही कोरोना जांच के मामले में बिहार बहुत ही पिछड़ा हुआ राज्य हो। अब कोरोना की जांच भी हुई है तो ऐसी रिपोर्ट आई है जिससे बिहार की सरकार ही नहीं समूचे बिहार को चौकन्ना हो जाना चाहिए।

दरअसल बीजेपी के दफ्तर से 100 नेताओं का सैंपल लिया गया जिनमें से 75 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, यह आंकड़ा बेहद हैरान करने वाला और चिंताजनक है।

इसपर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव कहते हैं कि जिस सरकार की जिम्मेदारी है पहले स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध करवाए, वो सरकार चुनावी तैयारियों में व्यस्त है। हम तो कब से मांग कर रहे हैं कि महामारी के इस दौर में चुनाव स्थगित कर दिया जाए।

इसके बाद एक वीडियो जारी करते हुए तेजस्वी कहते हैं- कोरोना का कहर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री आवास से लेकर सचिवालय तक पहुंच चुका है। बीजेपी के दफ्तर में 100 नेताओं का सैंपल लिया गया जिनमें 75 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। बताइए, ये किस जमात के लोग हैं? अब कौन कोरोना फैला रहा है?

इसके पहले तेजस्वी यादव ने एक वीडियो लाइव करते हुए अपना पक्ष रखा था कि विपक्ष में होते हुए भी वह चुनाव को देर से करवाने के पक्ष में हैं जबकि सत्ताधारी लोग महामारी के इस दौर में भी सिर्फ चुनावी तैयारियों पर जोर दे रहे हैं

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