नई दिल्ली: सरकारी सुविधाएं के लिए होती है खास तौर से मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी बिजली स्वास्थ्य और शिक्षा लेकिन इनमें भी घर बढ़िया हो तो आप समझ सकते हैं की स्थितियां क्या होंगी।

गुजरात में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिस बात का खुलासा कैग ने अपनी रिपोर्ट में किया है।देश में सरकार कैसे काम कर रही है और देश में क्या कुछ हो रहा है सरकार के नियमों का उल्लंघन कर रही है इन सभी बातों का खुलासा कहकर रिपोर्ट के जरिए हो रहा है।

अब एक बार फिर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी कैग ने गुजरात में आईएसए भाग्य खराब स्वास्थ संबंधी व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है क्या कि नहीं अपनी हेल्थ सेक्टर पर जारी की हाल रिपोर्ट में गुजरात के आयुष विभाग की कमियों को उजागर किया है।

इसके साथ ही कैग रिपोर्ट ने बताया है स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयुष्य के कार्यक्रमों को मुख्य धारा में नहीं लाया गया है आयुष विभाग की ओर से रिसर्च की कमी आवंटित राशि को खर्च ना कर पाने जैसे मुद्दे उठाए हैं।

साथ ही इस रिपोर्ट के अंदर 2015 में मंजूरी हुए प्रोजेक्टस को आयुष मंत्रालय ने पूरा नहीं किया और आयुष दबाव की खराब क्वालिटी और फूड एवं ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से चैकिंग नहीं करता है।

इस रिपोर्ट में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सीमाओं में योजना की कमी और मेंटल हेल्थ केयर एक्ट 2017 के प्रावधानों के तहत काम ना करने का भी मुद्दा उठाया है अस्पतालों की जांच में मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए साइकिएट्रीस वार्ड और दबाव के स्टॉक में कमी होने की भी बात मेंशन की गई है।

आप समझ सकते हैं कि गुजरात में किस प्रकार के हालात हैं जहां पर स्वास्थ के नाम पर खेल चल रहा है सरकार सफाई तो पेश कर रही है लेकिन सवाल यह है कि सरकार के सफाई से गलतियों पर पर्दा डाला जा सकता है।

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