सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधती राय ने सरकार पर कोरोना संकट के दौर में हिंदू मुस्लिम के बीच तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया है उन्होंने जर्मन न्यूज़ नेटवर्क DW से कहा कि करो ना संग कट से निपटने में सरकार की इस कथित रणनीति ऐसी स्थिति पैदा होगी जिस पर पूरी दुनिया को नजर रखनी चाहिए उन्होंने आगे कहा हालात जीनोसाइड (मतलब जातीय सामुदायिक सहार) तरफ बढ़ रहे हैं|
उन्होंने कहा कोरोनावायरस में जो हुआ उससे भारत के बारे में हुए चीजें बाहर निकल कर आ गई जिनके बारे में हम सबको पता है अरुंधति रॉय ने आगे कहा हम सिर्फ कोरोनावायरस से ही पीड़ित नहीं है बल्कि जातीय घृणा मूर्खता और भूख के संकट से भी ग्रस्त है अरुंधति के इन बयानों को सोशल मीडिया ट्विटर पर जमकर विरोध हो रहा है वहीं पाकिस्तानी सरकारी न्यूज़ चैनल ने अरुंधति का बयान ट्वीट किया है पाकिस्तान में अब उनके बयान को हाथों हाथ लिया जा रहा है|
अरुंधति रॉय ने आगे कहा यह संकट मुसलमानों के प्रति घृणा का है जो दिल्ली में हुए नरसंहार के तुरंत बाद सामने आया दिल्ली में कुछ दिन पहले मुस्लिम विरोधी कानून के खिलाफ प्रदर्शन के कारण दंगे हुए थे राय ने कहा को कोरोनावायरस की आड़ में सरकार युवा विद्यार्थियों को गिरफ्तार कर रही है वक्त वरिष्ठ संपादकों वकीलों सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवियों के खिलाफ केस दर्ज कर रही है कुछ को हाल ही में जेल में डाल दिया गया है|
अरुंधति रॉय ने आगे कहा आर एस एस का पूरा संगठन जिसे मोदी आते हैं और जिस से जिस संघ से बीजेपी का जन्म हुआ है ने बहुत पहले ही कहा था कि भारत को हिंदू राष्ट्र होना चाहिए इसके विचारधारा भारत के मुस्लिमों को जर्मनी के यहूदियों की तरह दिखती है अगर आप देखेंगे कि वह कोरोनावायरस का कैसा इस्तेमाल कर रहे हैं तो पता चलेगा कि यह रणनीति कुछ ऐसी है जो योगियों की छवि बनाने में इस्तेमाल हुई थी आपको बता दें कि अरुंधती राय हमेशा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती है|
अरुंधति रॉय ने कहा कि सरकार कोरोना संकट का जैसा राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है वह यह याद दिलाता है कि कैसे नाजियों ने होलोकास्ट की रणनीति बनाई थी|