वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 28 July को कहा कि सावर्जनिक क्षेत्र की 23 कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया पूरा करने का काम चल रहा है। इन कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी बेचने को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे समय में सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती है जब उसे सही कीमत मिले।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सावर्जनिक क्षेत्र की 23 कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया पूरा करने का काम चल रहा है। इन कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी बेचने को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे समय में सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती है जब उसे सही कीमत मिले। सीतारमण ने कहा, पहले ही 22-23 पीएसयू को विनिवेश के लिए मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी है। हमारी मंशा साफ है कि कम से कम इन कंपनियों में विनिवेश किया जाए। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सरकार ने 2.10 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है। इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये पीएसयू के विनिवेश से आएंगे और 90 हजार करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचकर जुटाए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने हीरो एंटरप्राइज के चेयरमैन सुनील कांत मुंजाल के साथ बातचीत में कहा कि सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत कई क्षेत्रों को निजी भागीदारी के लिए खोलने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, अभी इस बारे में अंतिम फैसला नहीं हुआ है कि किन सेक्टरों को स्ट्रैटजिक कहा जाएगा। इसकी घोषणा अभी होनी है और अभी मैं यह अनुमान नहीं लगा सकती कि क्या घोषणा हो सकती है। लेकिन स्ट्रैटजिक सेक्टरों में भी निजी क्षेत्र को भी आने की अनुमति होगी और उनमें सार्वजनिक क्षेत्र की केवल चार यूनिट होंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि वह पीएसयू को कंसोलिडेट करेंगी और साथ ही उनका कामकाज का भी विस्तार किया जाएगा।

एमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम

उन्होंने साथ ही कहा कि वह जल्दी ही लघु वित्त कंपनियों और गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) से मिलकर उनके बिजनस को दिए जा रहे क्रेडिट की समीक्षा करेंगी। इंडस्ट्री को क्रेडिट देने के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि एमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज लोन का लाभ उठा सकते हैं। 23 जुलाई तक इसके तहत 1,30,491.79 करोड़ रुपये का लोन मंजूर कर दिया गया था जिसमें से 82,065.01 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं।

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