भारत-चीन सीमा विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीट में दावा किया कि, चीनी फ़ौज ने लद्दाख की पूरी गलवान घाटी पर अवैध कब्ज़ा कर लिया है। मार्कंडेय काटजू के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने शनिवार (13 जून) को ट्वीट कर कहा, “चीनी फ़ौज ने लद्दाख की पूरी गलवान घाटी पर अवैध कब्ज़ा कर लिया है, पर हमारी सरकार शुतुरमुर्ग जैसे आँख मूंदे बैठी है, या रोमन सम्राट नीरो जैसे सारंगी बजा रही है, या मुंशी प्रेमचंद की कहानी शतरंज के खिलाड़ी के पात्र मीर और मिर्ज़ा साहेब जैसे खतरे से अनभिज्ञ खेल में मगन है।”

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज का यह ट्वीट अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, उनके इस ट्वीट पर यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

चीनी फ़ौज ने लद्दाख की पूरी गलवान घाटी पर अवैध कब्ज़ा कर लिया है, पर हमारी सर्कार शुतुरमुर्ग जैसे आँख मूंदे बैठी है, या रोमन सम्राट नीरो जैसे सारंगी बजा रही है, या मुंशी प्रेमचंद की कहानी शतरंज के खिलाड़ी के पात्र मीर और मिर्ज़ा साहेब जैसे खतरे से अनभिज्ञ खेल में मगन है

एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, “क्या आजकल जज ने बिना सबूत ही फैसला सुनाना शुरू कर दिया है?” एक अन्य यूजर ने लिखा, “कुछ फैक्स और तथ्य है जिस आधार पर मैं कह सकता हूं की फिंगर 4 तक चीनी सेना भारतीय सीमा के अंदर आ चुकी है।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “अमेरिका ने दवाई छीन ली, चीन ने ज़मीन, नेपाल ने गोली चला दी, पाकिस्तान तो दुश्मन है ही,श्रीलंका भाव नहीं देता! भक्तों हम किस बात के विश्वगुरु हैं।”

एक अन्य यूजर ने लिखा, “सरकार की आलोचना करने या सवाल करने वाले को जवाब न देकर राष्ट्र द्रोह या पाकिस्तानी बोल दिया जायेगा।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “अब बोल तो दिया आत्मनिर्भर बनो, जाओ लड़ो खुद। नेता जी खुद भी आत्मनिर्भर बन अपने चुनाव प्रचार में लगे हैं दिन रात।” बता दें कि, इसी तरह तमाम यूजर्स मार्कंडेय काटजू के ट्वीट पर जमकर अपनी प्रतिक्रयाएँ दे रहे हैं।

गौरतलब है कि, भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी, देमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पांच सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध जारी है। दोनों देशों ने एलएसी पर उत्तरी सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है।

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