मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले ग्वालियर-चंबल अंचल में सीएम शिवराज सिंह और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मेगा शो किया. इस दौरान एक अनोखी तस्वीर सामने आई. जिसमें सिंधिया ने कई महीनों से नंगे पैर रहने वाले प्रद्युम्न सिंह तोमर को चप्पल पहनाई.
आज फूल बाग मैदान में जैसे ही सिंधिया ने मंच पर अपना भाषण खत्म किया, ठीक उसके बाद उन्होंने मंच पर ही सबके सामने मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के पैरों में चप्पल पहनाई. इसके बाद सभा में तालियों की आवाज गूंज उठी.
इसके साथ ही चप्पल पहनाने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और कांग्रेस में रहकर महाराज कहलाने वाले बीजेपी में जाकर उनकी हालत बुरी हो गई है ऐसा सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है. इससे पहले ज्योतिराज सिंधिया को बीजेपी के छोटे नेताओं के साथ सबसे नीचे पोस्टर में जगह मिली इस पर भी कई सवाल खड़े किए गए.
आपको बता दें कि प्रद्युम्न सिंह तोमर अपने अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं. वह कभी खुद फावड़ा लेकर नालों की सफाई करने उतर जाते हैं, तो कभी सड़क और शौचालयों की सफाई करने. उन्होंने संकल्प लिया था कि जब तक उनके क्षेत्रवासियों की समस्याओं का निदान नहीं हो जाता, वह नंगे पैर रहेंगे. यहां तक कि शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री पद की शपथ भी उन्होंने नंगे पैर ली थी.

मध्य प्रदेश में होने हैं 27 सीटों पर उपचुनाव
सीट खाली होने के 6 महीने में होते हैं चुनाव
नियमानुसार सीट रिक्त होने पर छह माह के भीतर उपचुनाव कराया जाना चाहिए। प्रदेश में कुल 27 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। आगर मालवा सीट पर उपचुनाव 30 जुलाई को होना था। जौरा विस सीट का उपचुनाव पहले ही टल चुका है। कुछ सीटों को छोड़ सभी सीटों पर 7 सितंबर तक उपचुनाव कराया जाना है।
मध्य प्रदेश के 27 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव कोरोनाकाल में ही होंगे। चुनाव अक्टूबर में कराए जा सकते हैं। इसको लेकर चुनाव आयोग ने शुक्रवार को दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके मद्देनजर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय अगले सप्ताह मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगा।
इसमें नई व्यवस्था के बारे में उन्हें बताया जाएगा। उपचुनाव के लिए ढाई हजार से ज्यादा सहायक मतदान केंद्र बनाने के प्रस्ताव कलेक्टरों ने भेजे हैं। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अरुण कुमार तोमर ने बताया कि चुनाव आयोग से कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए चुनाव कराने संबंधी दिशा निर्देश मिल गए हैं।
इसको लेकर सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की जाएगी। साथ ही उन सभी विभागों के अधिकारियों के साथ भी बैठक होगी, जिन्हें व्यवस्थाएं बनानी हैं। कलेक्टरों के साथ भी अलग से बैठक होगी क्योंकि कई प्रक्रियाएं उनके स्तर पर ही होनी हैं।